Bad News from Lucknow : एनडीटीवी के वरिष्ठ पत्रकार कमाल खान का हार्ट अटैक से निधन

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लखनऊ के बटलर पैलेस स्थित आवास में शुक्रवार तड़के हार्ट अटैक से थम गईं सांसें



प्रारब्ध न्यूज़ ब्यूरो, लखनऊ

 

उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच पत्रकारिता जगत को एक बड़ा झटका लगा है। प्रदेश की राजधानी लखनऊ से सुबह-सुबह बहुत ही दुखद खबर आई है। एनडीटीवी के उत्तर प्रदेश प्रमुख जनाब कमाल खान साहब का हार्टअटैक पढ़ने से शुक्रवार सुबह निधन हो गया। वह पत्रकारिता जगत की एक जानी मानी शख्सियत थे। उनके निधन पर वरिष्ठ पत्रकारों से लेकर राजनेताओं ने शोक जताया है।



लखनऊ के शानदार पत्रकारों में शुमार कमाल खान लम्बे समय से एनडीटीवी में कार्यरत थे। उत्तर प्रदेश में कमाल खान और एनडीटीवी एक दूसरे के पर्यायवाची माने जाते रहे हैं। 




कमाल खान के असमय निधन की खबर सुन कर हर व्यक्ति हैरान रह गया। साफ़ और बेबाक़ को तरीके से अपनी बात आमजन से लेकर हुक्मरानों तक पहुंचाने में कमाल लखनवी को महारथ हासिल थी। वह पत्रकारिता के बदलते स्वरूप के बावजूद बेमिसाल थे।



कमाल खान को दिल का दौरा शुक्रवार भोर में पड़ा। उनके निधन की खबर मिलने पर सोशल मीडिया पर लोगों ने कमाल खान को अपने अपने तरीक़े से श्रद्धांजलि देना शुरू कर दिया। 


वरिष्ठ पत्रकार नवीन कुमार ने लिखा है कि पत्रकारिता की एक पाठशाला ठप पड़ गई। कहन की एक काव्यशैली बिला गई। एनडीटीवी के कमाल खान हमारे बीच नहीं रहे। यह भारी शोक का समय है। श्रद्धांजलि।


वरिष्ठ पत्रकार रामदत्त त्रिपाठी ने लिखा है कि ईश्वर से प्रार्थना है कोई चमत्कार हो जाये और मेरे दोस्त, सहयोगी छोटे भाई कमाल खान का हृदय फिर से धड़कने लगे। वह जितने शानदार इंसान हैं उतने ही शानदार पत्रकार।

लखनऊ के जाने माने सामाजिक कार्यकर्ता दीपक कबीर ने लिखा है कि कमाल खान के इंतक़ाल की सूचना लखनऊ की सबसे बुरी खबर है!


लखनऊ के वरिष्ठ पत्रकार नवेद शिकोह ने लिखा है कि एनडीटीवी के कमाल ख़ान का इंतेकाल..। एनडीटीवी के जाने-पहचाने वरिष्ठ पत्रकार कमाल ख़ान नहीं रहे‌। लखनऊ के बटलर पैलेस स्थित उनके आवास में शुक्रवार सुबह तड़के हार्ट अटैक पड़ने से उनकी मृत्यु हो गई। क़रीब दो दशक से अधिक समय से बतौर यूपी चीफ वो एनडीए से जुड़े थे। 


टीवी पत्रकारिता से पहले वो लखनऊ के तमाम अंग्रेजी-हिन्दी अखबारों में काम कर चुके थे। कमाल खान साहब की पत्नी रुचि कुमार इंडिया टीवी में राजनीतिक संपादक हैं। देश-दुनिया के चहेते कमाल ख़ान ने वाकई कमाल की पत्रकारिता से अपनी अलग पहचान बनाई। उनकी जैसी जुबान की मिठास, शब्दों का चयन, उच्चारण और आकर्षक स्क्रिप्ट शायद ही किसी टीवी पत्रकार के पास हो। 


बतौर एंकर यदि रविश कुमार एनडीटीवी के हीरा हैं तो कमाल पत्रकार के रूप में इस चैनल के जवाहरात थे। किसी भी न्यूज़ पैकेज में उनका पीटीसी (पीस टू कैमरा) देखकर टीवी दर्शकों की आंखें टीवी स्क्रीन से जड़ जाती थीं। खुदा को भी शायद कमाल भाई की जुबान, लहजा, अल्फ़ाज़, स्क्रिप्ट, निष्पक्षता और अदायगी पसंद आ गई और वक्त से पहले उन्हें बुला लिया। इन्ना लिल्लाही व इन्ना इलैही राजिऊन!’


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