प्रेसवार्ता में बोलते मोती सिंह। |
प्रारब्ध न्यूज ब्यूरो, लखनऊ
प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना में पूर्व की सरकार में नाम मात्र ही काम हुआ था। प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत सड़क निर्माण कराया गया है। इस योजना का शुभारम्भ तत्कालीन प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी बाजपेयी सरकार के कार्यकाल में 25 दिसम्बर 2000 को किया गया था। उसके बावजूद प्रदेश में पहले चरण में 19 हजार किलोमीटर ही सड़कों का निर्माण कराया गया। इस वित्तीय वर्ष में 155 करोड़ रुपयों से सड़कों का नवीनीकरण और मरम्मत करवा रहे है। यह बातें ग्राम्य विकास विभाग के साढ़े चार वर्षों में कराए गए महत्वपूर्ण कार्यों के संबंध में बुलाई गई प्रेस वार्ता में ग्राम्य विकास मंत्री राजेन्द प्रताप सिंह उर्फ मोती सिंह ने उत्तर प्रदेश ग्रामीण सड़क विकास अभिकरण के गन्ना किसान संस्थान, डालीबाग में कहीं।
उन्होंने कहा कि जब से उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार आने के बाद से दूसरे और तीसरे चरण में इस योजना को कभी बड़ा लक्ष्य बनाया ही नहीं। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना-3 के अन्तर्गत भारत सरकार द्वारा वर्ष 2024-25 तक उत्तर प्रदेश के लिए 18937.05 किलोमी का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
उन्होंने बताया कि प्रदेश में प्रथम बैच के अन्तर्गत 4130.27 करोड़ रुपये की लागत से 886 मार्ग, लम्बाई 6208.45 किमी0 के ग्रामीण मार्गो का शुभारम्भ मुख्यमंत्री जी द्वारा किया गया है। इसके साथ ही वर्ष 2021-22 के अन्तर्गत भारत सरकार द्वारा प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना-3 केेे बैच-2 के अन्तर्गत 5918.44 रुपये करोड़ की लागत से 1078 मार्ग, लम्बाई 8249.41 किमी के ग्रामीण मार्गो की स्वीकृति दिनांक 09 नवम्बर 2021 को प्रदान की गई जिसकी टेण्डर प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है।
मोती सिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना प्रथम एवं द्वितीय चरण के अन्तर्गत अब तक उत्तर प्रदेष में 57162.55 किलोमीटर सड़क का निर्माण हो चुका है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में निर्मित मार्गों का 05 वर्ष तक रख-रखाव (अनुरक्षण) उसी ठेकेदार की जिम्मेदारी होती है। अनुरक्षण का बजट राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाता है।
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