छोटी बहन अमन ने मां कृष्णा और बहन पल्लवी को बनाया पक्षकार
धोखाधड़ी का आरोप लगा ट्रस्ट की वसीयत रद्द करने की मांग की
प्रारब्ध न्यूज ब्यूरो, कानपुर
केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार की कैबिनेट मंत्री अनुप्रिया पटेल की बहनों के बीच संपत्ति का विवाद अब कोर्ट पहुंच गया है। उनकी छोटी बहन अमन ने अपनी मां व अपना दल (कमेरावादी) की राष्ट्रीय अध्यक्ष कृष्णा पटेल और बड़ी बहन पल्लवी को पक्षकार बनाते हुए ट्रस्ट की वसीयत रद्द करने की मांग कोर्ट में याचिका दाखिल कर के की है। यह वसीयत पल्लवी के नाम पर है। इस मामले पर सिविल जज सीनियर डिवीजन ने वसीयत रद्द करने से पहले दूसरे पक्षकार को सुनने की बात कहते हुए अगली सुनवाई के लिए एक जनवरी 2022 की तारीख दी है। बताते चलें कि केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया व उनकी बहन पल्लवी के बीच पार्टी की कमान को लेकर पहले से अदावत है, जिसके कारण पार्टी दो हिस्सों में बंट चुकी है।
केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल के पिता व अपना दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनेलाल पटेल डा. गोविंद प्रसाद रानी देवी पटेल उच्च शिक्षण संस्थान के सर्वराकार थे। उनकी मौत के बाद संस्थान की सर्वराकर उनकी पत्नी कृष्णा बनीं। उन्होंने 23 नवंबर 2015 को पुत्री पल्लवी के पक्ष में ट्रस्ट की वसीयत कर दी। इस वसीयत को रद्द कराने के लिए उनकी दूसरी पुत्री अमन ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
अमन का आरोप है कि पल्लवी ने धोखाधड़ी करके मां से अपने पक्ष में वसीयत करायी है जो गलत है। सात नवंबर 2021 को उनके बीच आपसी समझौता हुआ था, जिसमें तय हुआ था कि मां कृष्णा उक्त वसीयत को रद्द कराएंगी। एक माह से अधिक समय गुजरने के बाद भी जब उनकी मां कृष्णा पटेल ने वसीयत रद्द नहीं करायी तो मजबूरन उन्हें कोर्ट में आना पड़ा। अमन ने पल्लवी से मां को जान का खतरा भी बताया है।
इन सभी तथ्यों के आधार पर उन्होंने वसीयत को अवैध घोषित कर रद्द करने, पल्लवी को ट्रस्ट पर हस्तक्षेप करने से रोकने, वित्तीय संचालन और पावर आफ एटार्नी करने से रोकने की मांग न्यायालय से की है। इस विषय पर कोई भी निर्णय देने से पहले कोर्ट ने दूसरे पक्ष को सुनने की बात कहते हुए स्टे देने से इंकार कर दिया। इसके साथ ही न्यायालय ने कृष्णा और पल्लवी को नोटिस जारी कर अपना पक्ष रखने के निर्देश दिए हैं।
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