Prarabdh Dharm-Aadhyatm : आज का पंचांग (04 दिसंबर 2021)

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04 दिसंबर, दिन : शनिवार


विक्रम संवत : 2078 (गुजरात - 2077)


शक संवत : 1943


अयन : दक्षिणायन


ऋतु : हेमंत


मास : मार्ग शीर्ष मास (गुजरात एवं महाराष्ट्र के अनुसार  कार्तिक)


पक्ष :  कृष्ण 


तिथि : अमावस्या दोपहर 01:12 तक तत्पश्चात प्रतिपदा


नक्षत्र : अनुराधा सुबह 10:48 बजे तक तत्पश्चात ज्येष्ठा


योग : सुकर्मा सुबह 08:41 बजे तक तत्पश्चात धृति


राहुकाल : सुबह 09:45 बजे से सुबह 11:07 बजे तक


सूर्योदय : प्रातः 07:02 बजे


सूर्यास्त : संध्या 17:55 बजे


दिशाशूल : पूर्व  दिशा में


पंचक


09 दिसंबर 2021 से 14 दिसंबर 2021 तक।


व्रत और त्योहार


एकादशी 


14 दिसंबर : मोक्षदा एकादशी


30 दिसंबर : सफला एकादशी


प्रदोष 


31 दिसंबर : प्रदोष व्रत


पूर्णिमा


18 दिसंबर : मार्गशीर्ष पूर्णिमा


अमावस्या


04 दिसम्बर : मार्गशीर्ष अमावस्या


व्रत पर्व महात्म्य 


विशेष :  अमावस्या के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)

छाया दान


शनि अमावस्या के दिन एक पात्र में सरसों का तेल लें। उसमें एक रुपये का सिक्का डालें और फिर तेल में अपने चेहरे की छाया देखने के बाद उस तेल को दान कर दें। यह कार्य प्रत्येक शनिवार नियमित रूप से करें। शनि के अशुभ प्रभावों से छुटकारा पाने के लिए यह उपाय बहुत ही कारगार है।


आर्थिक परेशानी रहती हो तो


जिनके घर में हमेशा पैसो का अभाव रहता है , गरीबी रहती है - वराह पुराण में बताया है कि मार्गशीर्ष मास शुक्ल पक्ष प्रतिपदा (05 दिसम्बर 2021 रविवार को) सुबह जल्दी भगवान विष्णु के कुछ नाम जप करें। दीप आदि जला कर और मानसिक पूजन करें :-


ॐ वैश्वा नराय नमः


ॐ अग्नये नमः


ॐ हवीर भुजे नमः


ॐ द्रवीणोदाय नमः


ॐ समवरताय नमः


ॐ ज्वलनाय नमः         


स्कन्दपुराण‬ के प्रभास खंड के अनुसार

 

अमावास्यां नरो यस्तु परान्नमुपभुञ्जते।

तस्य मासकृतं पुण्क्मन्नदातुः प्रजायते।।


जो व्यक्ति ‪अमावस्या‬ को दूसरे का अन्न खाता है उसका महिने भर का पुण्य उस अन्न के दाता को मिल जाता है।

        

समृद्धि बढ़ाने के लिए


कर्जा हो गया है तो अमावस्या के दूसरे दिन से पूनम तक रोज रात को चन्द्रमा को अर्घ्य दे, समृद्धि बढ़ेगी।


दीक्षा मे जो मन्त्र मिला है उसका खूब श्रध्दा से जप करना शुरू करें,जो भी समस्या है हल हो जायेगी ।


आरती में लौंग


सुबह पूजा के बाद आरती करते समय दीपक में 2 लौंग डाल कर आरती करें या कपूर में दो फूल वाले लौंग डालकर आरती करें। आपके हर काम सुगमता से होंगे और किसी भी प्रकार की बाधा नहीं आएगी।


कच्ची धानी के तेल के दीपक में लौंग डालकर हनुमानजी की आरती करें। अनिष्ट दूर होगा और धन भी प्राप्त होगा।


खेती के काम में ये सावधानी रहे


ज़मीन है अपनी, खेती काम करते हैं तो अमावस्या के दिन खेती का काम न करें, न मजदूर से करवाएं। जप करें भगवत गीता का सातवां अध्याय अमावस्या को पढ़ें और उस पाठ का पुण्य अपने पितृ को अर्पण करें। सूर्य को अर्घ्य दें और प्रार्थना करें:- आज जो मैंने पाठ किया अमावस्या के दिन उसका पुण्य मेरे घर में जो गुजर गए हैं उनको उसका पुण्य मिल जाये। तो उनका आर्शीवाद हमें मिलेगा और घर में सुख-सम्पति बढ़ेगी |

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