पुलिस के आला अधिकारियों को बुलाकर दोनों पक्षों की बातों पर की गई सुनवाई
प्रारब्ध न्यूज ब्यूरो, लखनऊ
किसान यूनियन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष असफाक सैफी से मंगलवार को मुलाकात की। पूर्व में स्वयं एवं उनके भतीजे को झूठे मुकदमे में फंसाये जाने के सम्बन्ध में मुलाकात की थी। इस मामले का संज्ञान लेते हुए मुस्लिम अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष ने सम्बंधित क्षेत्राधिकारी चरथावल व थानाध्यक्ष सहित समस्त स्टाफ की बात सुनी व लियाकत प्रधान व सम्बंधित लोगों के ऊपर लगाये गये अनुपयुक्त मुकदमों को संज्ञान में लेते हुए संवैधानिक कार्यवाही के लिए किया।
प्रधान लियाकत ने कहा कि जिस प्रकार से डीएम मुजफ्फरनगर सेल्वाकुमारी, एसएसपी अभिषेक यादव, एडीएम प्रशासन अमित कुमार, एसडीएम दीपक कुमार के द्वारा अनुचित लाभ लेकर भू माफियाओं के माध्यम से लगभग 200 बीघे शिकार की भूमि तथा 50 बीघा सरकारी भूमि पर प्रशासनिक सहयोग से अवैध कब्जा कराया गया। कई सौ करोड रुपये वसूले गए। 132 की भूमि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद मुक्त नहीं कराई गई। उन्हें न्यायालय के आदेशों की अवहेलना करते हुए अवैध कब्जे करा दिए गए।
उसी भूमि पर फर्जी तरीके से पीएनबी शाखा चरथावल से करोड़ों रुपये लिए गए। इन्हीं सब का विरोध करने के कारण हमारे ऊपर फर्जी मुकदमे लगाए गए। इस संदर्भ में मानवाधिकार आयोग अल्पसंख्यक आयोग लोकायुक्त उत्तर प्रदेश कार्यालय गृह मंत्री भारत सरकार सहित अन्य पदाधिकारियों को अवगत कराया जा चुका है।
वहीं, राष्ट्रीय युवा वाहिनी के राष्ट्रीय अध्यक्ष केडी शर्मा ने बताया कि जिस प्रकार से अन्य उपयुक्त फर्जी मुकदमे हमारे संगठन के पदाधिकारी लियाकत प्रधान पर लगाए गए यह निहायत ही शर्मिंदा योग्य है। उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक आयोग के फैसले का हम सम्मान करते हैं। जिस प्रकार से हमारे पदाधिकारी को जिला बदर करने का प्रयास किया गया है या अनैतिक है और इस पर संवैधानिक रूप से उपयुक्त कार्यवाही करें। अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष ने अग्रिम कार्यवाही हेतु 27 दिसंबर को संशोधित कर पुनः बुलाया है। इस अवसर पर राष्ट्रीय युवा वाहिनी व भारतीय किसान यूनियन के सभी पदाधिकारी उपस्थित रहे।
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