गंगाजल का हाल जानने जिले में आई डब्ल्यूआईआई की टीम
प्रारब्ध न्यूज़ ब्यूरो, कानपुर
कानपुर के गंगाजल की गुणवत्ता में काफी सुधार आया है। प्रदूषण में कमी होने से जलीय जंतुओं की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। ऐसा भारतीय वन्य जीवन संस्थान की टीम की सर्वे में पता लगा है।
भारतीय वन्यजीवन संस्थान (डब्ल्यूआईआई) के 12 शोधकर्ताओं की टीम, गंगा जल की गुणवत्ता जांचने के लिए एवं गंगा में पाए जाने वाले जलीय जंतुओं की स्थिति का परीक्षण करने, कानपुर शहर पहुंची। टीम ने गंगा बैराज से सरसैया घाट तक अलग-अलग जगहों पर गंगाजल के सैंपल लिए।
इन सभी सैम्पल को परीक्षण के लिए देहरादून स्थित संस्थान की प्रयोगशाला में भेजा जाएगा। भारतीय वन्यजीव संस्थान हरिद्वार से बिजनौर, कानपुर, प्रयागराज, वाराणसी समेत बिहार होते हुए पश्चिम बंगाल तक गंगाजल और उसके जलीय जंतुओं का सर्वे करा रहा है।
संस्थान के शोधकर्ताओं की टीम, प्रोफेसर कमर कुरेशी और डॉक्टर विष्णु प्रिया कोलीपकम (नोडल अधिकारी) की देखरेख में बिजनौर से तीन नावों में महानगर पहुंची। टीम के सदस्यों ने बताया गंगाजल की गुणवत्ता बेहतर होने के साथ जलीय जंतुओं जैसे डॉल्फिन, घड़ियाल, कछुआ और अन्य जंतुओ की संख्या में काफी इजाफा नजर आया है।
केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय के इस अभियान में उत्तर प्रदेश वन विभाग, डब्ल्यूडब्ल्यूएफ इंडिया के विशेषज्ञ सहयोगी के रूप में शामिल है। बिजनौर से कानपुर तक का यह सर्वेक्षण रेंज वाइड रिवर डॉल्फिन अनुमान, जिसे कैंपा कहा जाता है, उसे पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय आर्थिक मदद कर रहा है।
टीम में शामिल
इस टीम में डॉ. विनीत सिंह, मेरिन जैकब, कणाद राय, अनुराग रोकड़े, हियाश्री शर्मा, जितुल कालिता, स्नेहा माने, अभिषेक डूडी, पांचाली हजारिका, गुंजन चावला, शाह आलम और रिजवान अली खान शामिल हैं।
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