वाराणसी के गंगा घाटों पर एसपीजी समेत तमाम सुरक्षा एजेंसियों का डेरा
प्रधानमंत्री के क्रूज और उनके आगे पीछे चलने वाले क्रूज का डेमोंसट्रेशन
आपात स्थिति से निपटने के लिए वाटर एंबुलेंस
प्रारब्ध न्यूज़ ब्यूरो, वाराणसी
भगवान शिव की नगरी काशी का अपना प्राचीन इतिहास रहा है। बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी की वैश्विक पहचान है। अब यहां कॉरीडोर बनने से धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
प्रधानमंत्री मोदी 13 दिसंबर को काशी विश्वनाथ धाम कॉरीडर का लोकार्पण करेंगे। कई प्रदेशों के मुख्यमंत्री के साथ गंगा आरती में सम्मिलित होंगे। उनकी सुरक्षा के लिए पुख्ता सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं।
गंगा नदी में किसी भी तरह की आपात स्थिति से निपटने के लिए वाटर एंबुलेंस के साथ ही गंगाघाट पर एसपीजी समेत विभिन्न सुरक्षा एजेंसी लगाई गई हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने बयान में कहा कि मां गंगा को काशी विश्वनाथ का सानिध्य प्राप्त है। कॉरीडोर से काशी विश्वनाथ की एक अलग पहचान बनेगी। विश्वनाथ धाम के लोकार्पण को लेकर विदेशियों में अति उत्साह है। जापान व अन्य मित्र देशों से सोशल मीडिया पर अपने उदगार और उत्साह को व्यक्त किया है। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ की सराहना करते हुए हर्ष व्यक्त किया है।
काशी विश्वनाथ धाम की परिकल्पना 50 हजार स्क्वायर मीटर क्षेत्रफल में की गई है। इसके तीन मुख्य भाग है, जिसमें मंदिर परिसर मुख्य गर्भ गृह है। पहले ये मंदिर 3000 हजार स्क्वायर फीट में सीमित था, लेकिन अब मंदिर परिसर का दायरा 73 ×40 मीटर का हो गया है।
कॉरिडोर के लोकार्पण पर लाखों घरों में पहुँचेगा प्रसाद
वाराणसी के आठ लाख घरों में बाबा का प्रसाद वितरित किया जाएगा। आठ लाख घरों के लिए 16 लाख लड्डू तैयार हो रहे हैं। प्रसाद को एक लाख भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) कार्यकर्ता घर-घर तक पहुंचाएंगे। प्रसाद के लड्डू वाराणसी के 14 स्थानों पर बनाए जा रहे हैं।
मंडलायुक्त वाराणसी के अनुसार काशी विश्वनाथ कॉरीडोर परियोजना, धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ यहां की स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने में मदद करेगी। ये काशी के लिए बहुत शुभ संकेत है।
पीएम के आगमन को लेकर कमिश्नर, वाराणसी ने जनता से अपील की है कि वह बाबा की बारात पीएम के काफिले के निकल जाने के बाद ही निकाले।
if you have any doubt,pl let me know