ब्रह्म सत्यं जगत मिथ्या कथन आद्यगुरु शंकराचार्य का वचन नहीं
श्रीरामनगरी आए पुरी पीठाधीश्वर शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती
प्रारब्ध न्यूज ब्यूरो, अयोध्या
पुरी पीठाधीश्वर श्रीमदजगदगुरु शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती जी महाराज शुक्रवार दोपहर अयोध्या पहुंचे। पूर्व आईएएस अधिकारी कैप्टन एसके द्विवेदी एवं चन्द्रिका प्रसाद तिवारी सहित श्रीब्रह्मसागर संगठन के पदाधिकारियों तथा अयोध्या के उपजिलाधिकारी व सीओ सिटी ने उनका रेलवे स्टेशन पर स्वागत किया। श्री संकटमोचक हनुमान मन्दिर प्रांगण में प्रश्नोत्तर माला में जिज्ञासुओं के प्रश्नों के उत्तर देते हुए शंकराचार्य जी महाराज ने कहा कि दर्शन, विज्ञान और अध्यात्म में सामंजस्य रखने वाले धर्मगुरु ही सनातन धर्म व देवसंस्कृति का कल्याण कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि श्रीरामनगरी अयोध्या विश्व में मानव निर्मित प्रथम राजधानी है। इसलिए अयोध्या पहुंचने वाले लोग बड़े ही सौभाग्यशाली होते हैं।
श्रीशंकराचार्य ने हिन्दू शब्द को शास्त्रसम्मत बताया। कहा कि भावी समय हिन्दू संस्कृति का है, सनातन संस्कृति का है। श्रीमज्जगदगुरु शंकराचार्य ने कहा कि भारतीय संस्कृति में वे सभी तत्व विद्यमान हैं जो मानव समाज के लौकिक और पारलौकिक सभी प्रकार का उत्कर्ष करने में सक्षम हैं। प्रश्न के उत्तर में शंकराचार्य जी महाराज ने कहा कि ब्रह्म सत्यं जगत मिथ्या' कथन आद्यगुरु शंकराचार्य का वचन नहीं है, उसे उन्होंने किसी उदबोधन के दौरान विषय पर चर्चा करते हुए उद्धृत किया था। उन्होंने महामंत्र गायत्री सम्बन्धी सवालों के भी उत्तर दिये।
जगद्गुरु शंकराचार्य ने एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि हिन्दू संस्कृति सनातन संस्कृति है जो कभी नष्ट नहीं हो सकती। दुनिया के अनेक धर्म संप्रदाय और संस्कृतियां पनपे और नष्ट हो गए, हिन्दू संस्कृति प्राकृतिक नियमों से संबद्ध है। अनेक उतार चढावों के बावजूद हिंदुत्व बना रहेगा, निरंतर बढ़ेगा और अपने चरम पर पहुंचेगा।
पुरी शंकराचार्य महाराज से मिलने पहुंचने वाले गण्यमान व्यक्तियों में पुलिस महानिरीक्षक कवीन्द्र प्रताप सिंह और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अभय कुमार पाण्डेय भी शामिल रहे।
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