विक्रम संवत : 2078 (गुजरात - 2077)
शक संवत : 1943
अयन : दक्षिणायन
ऋतु : हेमंत
मास : मार्ग शीर्ष मास (गुजरात एवं महाराष्ट्र के अनुसार कार्तिक)
पक्ष : कृष्ण
तिथि : एकादशी 01 दिसम्बर रात्रि 02:13 तक तत्पश्चात द्वादशी
नक्षत्र : हस्त रात्रि 08:34 बजे तक तत्पश्चात चित्रा
योग : आयुष्मान 12:03 बजे तक तत्पश्चात सौभाग्य
राहुकाल : शाम 03:12 बजे से शाम 04:34 बजे तक
सूर्योदय : प्रातः 07:00 बजे
सूर्यास्त : संध्या 17:54 बजे
दिशाशूल - उत्तर दिशा में
पंचक
09 दिसंबर 2021 से 14 दिसंबर 2021 तक।
व्रत और त्योहार
एकादशी
30 नवंबर : उत्पन्ना एकादशी
14 दिसंबर : मोक्षदा एकादशी
30 दिसंबर : सफला एकादशी
प्रदोष
02 दिसंबर : प्रदोष व्रत
31 दिसंबर : प्रदोष व्रत
पूर्णिमा
18 दिसंबर : मार्गशीर्ष पूर्णिमा
अमावस्या
04 दिसम्बर : मार्गशीर्ष अमावस्या
व्रत त्योहार
उत्पत्ति एकादशी, आलंदी यात्रा (पुणे)
विशेष
हर एकादशी को श्री विष्णु सहस्रनाम का पाठ करने से घर में सुख शांति बनी रहती है।
राम रामेति रामेति। रमे रामे मनोरमे।।
सहस्त्र नाम त तुल्यं। राम नाम वरानने।।
आज एकादशी के दिन इस मंत्र के पाठ से विष्णु सहस्रनाम के जप के समान पुण्य प्राप्त होता है।एकादशी के दिन बाल नहीं कटवाने चाहिए। एकादशी को चावल व साबूदाना खाना वर्जित है। एकादशी को शिम्बी (सेम) ना खाएं अन्यथा पुत्र का नाश होता है।
जो दोनों पक्षों की एकादशियों को आँवले के रस का प्रयोग कर स्नान करते हैं, उनके पाप नष्ट हो जाते हैं।
अगर आपको अंधेरे या भूत-प्रेत से डर लगता है या किसी भी प्रकार का भय है तो आप मंगलवार के दिन पूजा के समय ॐ हं हनुमंते नम: का 108 बार जप करें।
उत्पत्ति एकादशी
30 नवम्बर 2021 मंगलवार को प्रातः 04:14 बजे से रात्रि 02:13 बजे तक (यानी 30 नवम्बर, मंगलवार को पूरा दिन) एकादशी है।
विशेष
30 नवम्बर, मंगलवार को एकादशी का उपवास रखें।
उत्पत्ति एकादशी (व्रत करने से धन, धर्म और मोक्ष की प्राप्ति होती है। - पद्म पुराण)
स्नान के साथ पायें अन्य लाभ
गोमय से (देशी गौ-गोबर को पानी में मिलाकर) स्नान करने पर लक्ष्मी प्राप्ति होती है। गोमूत्र से स्नान करने पर पाप-नाश होता है | गोदुग्ध से स्नान करने पर बलवृद्धि एवं दही से स्नान करने पर लक्ष्मी की वृद्धि होती है। ( अग्निपुराण : २६७.४-५)
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