Prarabdh Dharm-Aadhyatm : आज का पंचांग (29 नवम्बर 2021)

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29 नवम्बर, दिन : सोमवार


विक्रम संवत : 2078 (गुजरात - 2077)


शक संवत : 1943


अयन : दक्षिणायन


ऋतु : हेमंत


मास : मार्ग शीर्ष मास (गुजरात एवं महाराष्ट्र के अनुसार  कार्तिक)


पक्ष :  कृष्ण 


तिथि : दशमी 30 नवंबर प्रातः 04:13 बजे तक तत्पश्चात एकादशी


नक्षत्र : उत्तरा फाल्गुनी रात्रि 09:42 बजे तक तत्पश्चात हस्त


योग : प्रीति 30 नवंबर रात्रि 02:51 बजे तक तत्पश्चात आयुष्मान्


राहुकाल :  सुबह 08:20 बजे से सुबह 09:43 बजे तक


सूर्योदय : प्रातः 06:59 बजे


सूर्यास्त : संध्या 17:54 बजे


दिशाशूल - पूर्व  दिशा में


पंचक


09 दिसंबर 2021 से 14 दिसंबर 2021 तक।


व्रत और त्योहार


एकादशी 


30 नवंबर : उत्पन्ना एकादशी


14 दिसंबर : मोक्षदा एकादशी


30 दिसंबर : सफला एकादशी


प्रदोष


02 दिसंबर : प्रदोष व्रत


31 दिसंबर : प्रदोष व्रत


पूर्णिमा


18 दिसंबर : मार्गशीर्ष पूर्णिमा


अमावस्या


04 दिसम्बर : मार्गशीर्ष अमावस्या


व्रत पर्व विवरण  


एकादशी व्रत के लाभ


30 नवम्बर 2021 मंगलवार को प्रातः 04:14 बजे से रात्रि 02:13 बजे तक (यानी 30 नवम्बर, मंगलवार को पूरा दिन) एकादशी है।


विशेष


30 नवम्बर, मंगलवार को एकादशी का व्रत उपवास रखें।


एकादशी व्रत के पुण्य के समान और कोई पुण्य नहीं है। जो पुण्य सूर्यग्रहण में दान से होता है, उससे कई गुना अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है। जो पुण्य गौ-दान सुवर्ण-दान, अश्वमेघ यज्ञ से होता है, उससे अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है। एकादशी करनेवालों के पितर नीच योनि से मुक्त होते हैं और अपने परिवारवालों पर प्रसन्नता बरसाते हैं। इसलिए यह व्रत करने वालों के घर में सुख-शांति बनी रहती है। धन-धान्य, पुत्रादि की वृद्धि होती है।


कीर्ति बढ़ती है, श्रद्धा-भक्ति बढ़ती है, जिससे जीवन रसमय बनता है।


परमात्मा की प्रसन्नता प्राप्त होती है। पूर्वकाल में राजा नहुष, अंबरीष, राजा गाधी आदि जिन्होंने भी एकादशी का व्रत किया, उन्हें इस पृथ्वी का समस्त ऐश्वर्य प्राप्त हुआ। भगवान शिवजी ने नारद से कहा है :- एकादशी का व्रत करने से मनुष्य के सात जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं, इसमे कोई संदेह नहीं है। एकादशी के दिन किये हुए व्रत, गौ-दान आदि का अनंत गुना पुण्य होता है।


एकादशी के दिन करने योग्य


एकादशी को दिया जलाके विष्णु सहस्त्र नाम पढ़ें.......विष्णु सहस्त्र नाम नहीं हो तो 10 माला गुरुमंत्र का जप कर लें। अगर घर में झगडे होते हों, तो झगड़े शांत हों जायें ऐसा संकल्प करके विष्णु सहस्त्र नाम पढ़ें तो घर के झगड़े भी शांत होंगे।



एकादशी के दिन यह सावधानी जरूरी


महीने में 15-15 दिन में एकादशी आती है एकादशी का व्रत पाप और रोगों को स्वाहा कर देता है लेकिन वृद्ध, बालक और बीमार व्यक्ति एकादशी न रख सके तभी भी उनको चावल का तो त्याग करना चाहिए एकादशी के दिन जो चावल खाता है... तो धार्मिक ग्रन्थ से एक- एक चावल एक- एक कीड़ा खाने का पाप लगता है।


धन के नुकसान से बचें


अगर बेवजह धन का नुकसान हो रहा है। धन चोरी हो रहा है, डूब रहा है या गायब हो जाता है तो रोज सुबह नीम की लकड़ी से दातुन करें। रात को झूठे बर्तन किचन में न रखें। उत्तर दिशा में बैठकर ही भोजन करें और भोजन की थाली में हाथ न धोएं।

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