Health Tips : दादी मां के नुस्खे : सर्दियों में सेहत के लिए घरेलू उपाय

0

प्रारब्ध हेल्थ डेस्क, लखनऊ

अगर पाचन शक्ति है कमजोर

सौंफ और जीरा समान मात्रा में लेकर सेंक लें। भोजन के बाद अच्छी तरह चबा के खाने से पाचन शक्ति मजबूत होती है।

अपच हो तो


अपच होने पर अजवाइन, सौंठ और काली मिर्च का मिश्रण बना कर उसका पाउडर तैयार कर लें। उस पाउडर की एक चुटकी नियमित लेने से पाचन शक्ति ठीक होगी। सुबह इस मिश्रण को लेने के दो से तीन घंटे बाद भोजन करें।


मसूढ़ों की सूजन


जामुन के वृक्ष की छाल के काढ़े का कुल्ले करने से दाँतों के मसूढ़ों की सूजन मिटती है। हिल्ते दाँत मजबूत होते हैं।


मूत्र में जलन होने पर पिसा हरा धनिया तथा मिश्री नारियल पानी में मिला के पीने से जलन दूर होती है।


अधिक पढने–लिखने, चित्रकला, संगणक व सिलाई का काम करने से आँखों में थकावट होने पर खीरे के दुकड़े काटकर आँखों पर रखें। इससे आँखों को आराम मिलता है। थकावट दूर होती है।



बाल ऐसे बनाएं की मुलायम

गोमूत्र सिर में लगाकर थोड़ी देर पश्चात् धो डालें। ऐसा करने से बाल मुलायम होते हैं। सरसों के तेल की मालिश करने से भी बाल मुलायम होते हैं।


1-कइयों को सिर में दर्द रहता है तो क्या करें ?


 देशी गाय के घी में कपूर घिस के माथे पर थोडा लगा लें व जरा सूँघे तो पित्तजन्य सिरदर्द छू !


2-जिन बच्चों को सर्दी हो जाती है, नाक बहती रहती है – 


उन्हें सुबह खाली पेट थोडा गुनगुना पानी पिलाओ दो–पाँच–दस दिन | नाक बहने की तकलीफ, सर्दी, खाँसी भाग जायेगी |


 दूसरा भी उपाय है – 


10 ग्राम लहसुन कूट के उसकी चटनी बना लों और उसमें 50 ग्राम शहद मिला दो | इसे सर्दियों में या ऋतू-परिवर्तन के दिनों में जब खाँसी आये या नाक बहे, बच्चों की भूख कम हो जाय तो बालक की उम्र के हिसाब से एक-दो ग्राम से लेकर पाँच –सात– दस ग्राम तक चटायें |इससे भूख खुलकर लगेगी, सर्दी भाग जायेगी,नाक बहना भी ठीक हो जायेगा |


स्वास्थ्यवर्धक खजूर


खजूर मधुर, शीतल, पौष्टिक व सेवन करने के बाद तुरंत शक्ति-स्फूर्ति देनेवाला है | यह रक्त, मांस व वीर्य की वृद्धि करता है | ह्रदय व मस्तिष्क को शक्ति देता है | वात, पित्त व कफ इन तीनों दोषों का शामक है | यह मल व मूत्र को साफ लाता है | खजूर में कार्बोहाइड्रेटस, प्रोटीन्स, कैल्शियम, पोटैशियम, मैग्नेशियम, लौह आदि प्रचुर मात्रा में पाया जाता है | ' अमेरिकन कैंसर सोसाइटी ' के अनुसार शरीर को एक दिन में २०-३५ ग्राम डाएटरी फाइबर (खाद्य पदार्थों में स्थित रेशा) की जरुरत होती है, जो खजूर खाने से पूरी हो जाती है |


खजूर रात भर पानी में भिगोकर सुबह लेना लाभदायक है | खजूर रक्त को बढ़ाता है और यकृत (लीवर) के रोगों में लाभकारी है | रक्ताल्पता में इसका नियमित सेवन लाभकारी है | नींबू के रस में खजूर की चटनी बनाकर खाने से भोजन की अरुचि मिटती है | खजूर का सेवन बालों को लंबा, घना और मुलायम बनाता है |


औषधि-प्रयोग


कब्जनाशक : खजूर में रेचक गुण भरपूर है | 8-10 खजूर 200 ग्राम पानी में भिगों दें,सुबह मसलकर इनका शरबत बना लें | फिर इसमें 300 ग्राम पानी और डालकर गुनगुना गर्म करें | खाली पेट चाय की की तरह पी जायें | कुछ देर बाद दस्त होगा | इससे आँतों को बल और शरीर को स्फूर्ति भी मिलेगी | उम्र के अनुसार खजूर की मात्रा कम-ज्यादा करें |


नशा निवारक : 


शराबी प्राय: नशे की झोंक में इतनी शराब पी जाता है की उसका यकृत नष्ट होकर मृत्यु का कारण बन सकता है | इस स्थिति में ताजे पानी में खजूर को अच्छी तरह मसलते हुए शरबत बनायें | यह शरबत पीने से शराब का विषैला प्रभाव नष्ट होने लगता है। 

आँतों की पुष्टि :


 खजूर आँतों के हनिकारक जीवाणुओं को नष्ट करता है, साथ ही खजूर के विशिष्ट तत्त्व ऐसे जीवाणुओं को जन्म देते हैं जो आँतों को विशेष शक्तिशाली तथा अधिक सक्रिय बनाते हैं |


हृदय रोगों में : 


लगभग 50 ग्राम गुठली रहित छुहारे (खारक) 250 मी. ली. पानी में रात को भिगो दें | सुबह छुहारों को पीसकर पेस्ट बना के उसी बचे हुए पानी में घोल लें | इसे प्रात: खाली पेट पी जाने से कुछ ही माह में ह्रदय को पर्याप्त सबलता मिलती है | इसमें १ ग्राम इलायची चूर्ण मिलाना विशेष लाभदायी है |


तन-मन की पुष्टि : 


बच्चों को दूध में खजूर उबाल के देने से उन्हें शारीरिक-मानसिक पोषण मिलता है व शरीर सुदृढ़ बनता है |


शैयामूत्र : 


जो बच्चे रात्रि में बिस्तर गीला करते हों, उन्हें दो छुहारे रात्रि में भिगोकर सुबह दूध में उबाल के दें |


बच्चों के दस्त में : 


बच्चों के दाँत निकलते समय उन्हें बार बार गारे दस्त होते हों या पेचिश पड़ती हो तो खजूर के साथ शहद को अच्छी तरह फेंटकर एक-एक चमच दिन में 2-3 बार चटाने से लाभ होता है |


मस्तिष्क व हृदय की कमजोरीः 


रात को खजूर भिगोकर सुबह दूध या घी के साथ खाने से मस्तिष्क व हृदय की पेशियों को ताकत मिलती है। विशेषतः रक्त की कमी के कारण होने वाली हृदय की धड़कन व एकाग्रता की कमी में यह प्रयोग लाभदायी है।


मलावरोधः 


रात को भिगोकर सुबह दूध के साथ लेने से पेट साफ हो जाता है।


कृशताः 


खजूर में शर्करा, वसा (फैट) व प्रोटीन्स विपुल मात्रा में पाये जाते हैं। इसके नियमित सेवन से मांस की वृद्धि होकर शरीर पुष्ट हो जाता है।


रक्ताल्पताः 


खजूर रक्त को बढ़ाकर त्वचा में निखार लाता है।


शुक्राल्पताहा 


खजूर उत्तम वीर्यवर्धक है। गाय के घी अथवा बकरी के दूध के साथ लेने से शुक्राणुओं की वृद्धि होती है। इसके अतिरिक्त अधिक मासिक स्राव, क्षयरोग, खाँसी, भ्रम(चक्कर), कमर व हाथ पैरों का दर्द एवं सुन्नता तथा थायराइड संबंधी रोगों में भी यह लाभदायी है।


सावधानी

 

आजकल खजूर को वृक्ष से अलग करने के बाद रासायनिक पदार्थों के द्वारा सुखाया जाता है | ये रसायन शरीर के लिए हानिकारक होते है | अत: उपयोग करने से पहले खजूर को अच्छी तरह से धों लें | धोकर सुखाने के बाद इन्हें विभिन्न प्रकार से उपयोग किया जा सकता है |


 होली के बाद खजूर खाना हितकारी नहीं है।


Diabities वाले खजूर की जगह पर किशमिश का उपयोग करना |

Post a Comment

0 Comments

if you have any doubt,pl let me know

Post a Comment (0)
To Top