Prarabdh Dharm-Aadhyatm : आज का पंचांग (02 अक्टूबर 2021)

0
दिनांक: 02 अक्टूबर, दिन : शनिवार


विक्रम संवत : 2078 (गुजरात - 2077)


शक संवत : 1943


अयन : दक्षिणायन


ऋतु : शरद


मास : अश्विन


पक्ष - कृष्ण


तिथि - एकादशी सुबह 11:10 तक तत्पश्चात द्वादशी


नक्षत्र - अश्लेशा 03 अक्टूबर रात्रि  03:35 तक तत्पश्चात मघा


योग - सिद्ध शाम 05:47 तक तत्पश्चात साध्य


राहुकाल - सुबह 09:29 से सुबह 10:58 तक


सूर्योदय - 06:31


सूर्यास्त - 18:24


दिशाशूल - पूर्व दिशा में


व्रत पर्व विवरण - इंदिरा एकादशी, एकादशी का श्राद्ध,  महात्मा गांधी जयंती, लाल बहादुर शास्त्री जयंती


 विशेष - हर एकादशी को श्री विष्णु सहस्रनाम का पाठ करने से घर में सुख शांति बनी रहती है l  राम रामेति रामेति । रमे रामे मनोरमे ।। सहस्त्र नाम त तुल्यं । राम नाम वरानने ।।


आज एकादशी के दिन इस मंत्र के पाठ से विष्णु सहस्रनाम के जप के समान पुण्य प्राप्त होता है l


एकादशी के दिन बाल नहीं कटवाने चाहिए।


एकादशी को चावल व साबूदाना खाना वर्जित है | एकादशी को शिम्बी (सेम) ना खाएं अन्यथा पुत्र का नाश होता है।


जो दोनों पक्षों की एकादशियों को आँवले के रस का प्रयोग कर स्नान करते हैं, उनके पाप नष्ट हो जाते हैं।

     

इंदिरा एकादशी


01 अक्टूबर 2021 शुक्रवार को रात्रि 11:04 से 02 अक्टूबर, शनिवार को रात्रि 11:10 तक एकादशी है ।


विशेष - 02 अक्टूबर, शनिवार को एकादशी का व्रत (उपवास) रखें ।


इंदिरा एकादशी व्रत से बड़े–बड़े पापों का नाश हो जाता है | यह नीच योनियों में पड़े हुए पितरों को भी सद्गति देनेवाली है | इसका माहात्म्य पढ़ने-सुनने से मनुष्य सब पापों से मुक्त हो जाता है | - पद्म पुराण

         

वृक्ष लगाने का क्या  फल मिलता है


भविष्यपुराण में आता हैं कि अशोक-वृक्ष लगाने से कभी शोक नहीं होता, प्लक्ष (पाकड़) वृक्ष उत्तम स्त्री प्रदान करवाता है ज्ञानरुपी फल भी देता हैं | बिल्ववृक्ष दीर्घ आयुष्य प्रदान करता है | जामुन का वृक्ष धन देता है, तेंदू का वृक्ष कुलबुद्धि कराता है | दाडिम (अनार) का वृक्ष स्त्री-सुख प्राप्त कराता है | बकुल पाप-नाशक, यंजुल (तिनिश)बल-बुद्धिप्रद है| धातकी (धव) स्वर्ग प्रदान करता हैं | वटवृक्ष मोक्षप्रद, आम्रवृक्ष अभीष्ट कामनाप्रद और गुवाक (सुपारी) का वृक्ष सिद्धिप्रद है | वल्वल, मधूक (महुआ) तथा अर्जुन-वृक्ष सब प्रकार का अन्न प्रदान करता है | कदम्ब-वृक्ष से विपुल लक्ष्मी की प्रप्ति होती है | तिन्तिडी )इमली) का वृक्ष धर्मदूषक माना गया है | शमी-वृक्ष रोग-नाशक है | केशर से शत्रुओं का विनाश होता है | श्वेत वट धनप्रदाता पनस (कटहल)वृक्ष मंद बुद्धिकारक है | मर्कटी (केंवाच)एवं कदम-वृक्ष के लगाने से संतति का क्षय होता है |


शीशम, अर्जुन, जयंती, करवीर, बेल तथा पलाश- वृक्षों के आरोपण से स्वर्ग की प्राप्ति होती है | विधिपूर्वक वृक्ष का रोपण करने से स्वर्ग-सुख प्राप्त होता है और रोपणकर्ता के तीन जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं |


श्राद्ध की तिथियां :


एकादशी श्राद्ध – 2 अक्टूबर

द्वादशी श्राद्ध- 3 अक्टूबर

त्रयोदशी श्राद्ध – 4 अक्टूबर

चतुर्दशी श्राद्ध- 5 अक्टूबर

अमावस्या श्राद्ध- 6 अक्टूबर

Post a Comment

0 Comments

if you have any doubt,pl let me know

Post a Comment (0)
To Top