Old pension scheme : पुरानी पेंशन बहाली के लिए 5 अक्टूबर को मोटरसाइकिल जुलूस

0

  • कर्मचारी, शिक्षक, अधिकारी और पेंशनर अधिकार मंच की बैठक 
  • 28 अक्टूबर को विकास भवन में विशाल धरना-प्रदर्शन
  • ज्ञापन प्रेषण 30 नवंबर को, लखनऊ के इको गार्डन पार्क में महारैली


प्रारब्ध न्यूज ब्यूरो, गाजीपुर

केंद्रीय पर्यवेक्षक के रुप में राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के मंडल अध्यक्ष व दीपेंद्र भी शामिल हुए। प्रदेश सरकार की कर्मचारी विरोधी नीतियों से क्षुब्ध होकर उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त कर्मचारी शिक्षक संगठनों व नवगठित कर्मचारी, शिक्षक, अधिकारी व पेंशनर अधिकार मंच एवं उत्तर प्रदेश का गठन कर प्रदेश व्यापी चरणबद्ध आंदोलन की घोषणा की गई। इस क्रम में गाजीपुर में भी जनपद तहसील व ब्लाक स्तरीय आधिकार मंच का गठन किया गया। कचहरी स्थित शिक्षक भवन में जिला कार्यकारिणी की बैठक हुई, जिसमें आंदोलन के प्रथम चरण में 5 अक्टूबर को निकलने वाली बाइक जुलूस की तैयारी की रणनीति बनाई गई। 



अध्यक्षता करते हुए जिला अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह ने कहा कि सरकार द्वारा बनाई नई पेंशन नीति के नाम पर उनके वेतन का करोड़ों रुपया कटौती करके शेयर बाजार में झोंकती जा रही है। सरकार कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति के समय एक सुनिश्चित पेंशन देने की जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं है। 



पेंशनर संगठन के जिला अध्यक्ष मुक्तेश्वर श्रीवास्तव ने कहा कि प्रदेश के कर्मचारी शिक्षक व पेंशनर की 18 माह की महंगाई भत्ता के लगभग 10 हजार करोड़ रुपये सरकार डकार गई है।अधिकार मंच के संयोजक व राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के जिला अध्यक्ष अंबिका प्रसाद दुबे ने कहा कि कर्मचारी व शिक्षकों के विरुद्ध काम करने वाली सरकार दोबारा सत्ता में नहीं आई है, इतिहास इस बात का साक्षी है।


बैठक में राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद से जुड़े सहयोगी सैकड़ों संगठनों के पदाधिकारी राज्य कर्मचारी महासंघ, कलेक्ट्रेट कर्मचारी संघ, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी संघ, फेडरेशन ऑफ यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन, उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ, उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ डिप्लोमा इंजीनियर महासंघ, ग्राम पंचायत, ग्राम विकास अधिकारी संघ, यूपी एजुकेशनल मिनिस्टर एसो• आरटीओ, राजस्व निरीक्षक, राजस्व संगठन, चकबंदी लेखपाल, महाविद्यालय शिक्षणेत्तर कर्मचारी, लघु सिंचाई, एसोसिएशन बोरिंग टेक्नीशियन एवं सेवानिवृत्त कर्मचारियों समेत सभी संगठनों के प्रतिनिधि शामिल रहें।


मांगों में मुख्य रूप से पुरानी पेंशन बहाल करना, पूर्व की गई सेवा को जोड़कर समस्त सेवानिवृति लाभ प्रदान करने, कैशलेश चिकित्सा व्यवस्था लागू करने, सातवें वेतन आयोग की वेतन विसंगति दूर करने, संविदा आऊट सोर्सिंग पर कार्यरत आगनबाड़ी, रसोईया, होमगार्ड आदि को राज्य कर्मचारी घोषित करने शिक्षकों को राज्य कर्मचारियों की भांति एसीपी कैसलेश चिकित्सा सुविधा सभी विद्यालयों में संविलयन निरस्त करने शिक्षामित्र, मनरेगा, कार्मिकों को विनियमित करने आदि 11 सूत्री मांग प्रमुख हैं। 


बैठक को मुख्य रूप से भगवती तिवारी, पवन पांडेय, संतोष यादव, आनंद प्रकाश यादव, इंजिनियर सुरेंद्र प्रताप सिंह, ओमप्रकाश यादव, सूर्यभान राय, जितेंद्र यादव, जनार्दन सिंह, अमित श्रीवास्तव, सुभाष सिंह, रविशंकर सिंह, डॉ. राघवेंद्र पाण्डेय, डॉ. योगेश कुमार, कन्हैया यादव, गोपाल खरवार, विजेंद्र यादव, अशोक सिंह ने संबोधित किया। बैठक में महेंद्र यादव, जमुना यादव, प्रवीण कुमार सिंह, बैजनाथ तिवारी सहित सैकड़ों कर्मचारी शिक्षक उपस्थित रहे। अधिकार मंच की बैठक की अध्यक्षता सुरेंद्र कुमार सिंह और संचालन मंच के संयोजक व राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के जिलाध्यक्ष अम्बिका प्रसाद दुबे ने किया।

  

Post a Comment

0 Comments

if you have any doubt,pl let me know

Post a Comment (0)
To Top