प्रारब्ध न्यूज ब्यूरो, लखनऊ
देश के जाने माने होम्योपैथिक के चिकित्सक 75 वर्षीय अनिरुद्ध वर्मा का अचानक हृदय गति रुकने (Heart Attack) से लखनऊ में निधन हो गया।अचानक निधन की जानकारी से होम्योपैथिक चिकित्सा जगत में शोक की लहर दौड़ गई। कानपुर के ग्वालटोली स्थित आरोग्यधाम में शोक सभा का आयोजन कर होम्योपैथिक चिकित्सकों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। दिवंगत आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन भी रखा गया।
ग्वालटोली स्थित ग्लोबल होम्योपैथिक सभागार में शोक जताया। डॉ. अनिरुद्ध वर्मा ने होम्योपैथी अनुसंधान परिषद की स्थापना की थी। वह केंद्रीय होम्योपैथी परिषद के सदस्य भी रहे। उन्होंने अपना जीवन होम्योपैथी चिकित्सा क्षेत्र के उत्थान के लिए समर्पित कर दिया था। डॉ. अनिरुद्ध वर्मा ने विदेश तक में होम्योपैथी के क्षेत्र में ख्याति प्राप्त की थी। भारतीय चिकित्सा पद्धति को विदेशी धरती पर स्थापित करने में भी सफल रहे।
वह नई चिकित्सा पीढ़ी के मार्गदर्शक के रूप में भी जाने जाते हैं। उन्होंने पूरा जीवन मानवता की सेवा में व्यतीत किया। शोक सभा में ईश्वर से उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करने के साथ दो मिनट का मौन भी रखा गया। इस मौके पर राजकीय होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज मुरादाबाद के प्रो. विनीत त्रिवेदी, वरिष्ठ होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ. हेमन्त मोहन, डॉ. आरती मोहन, डॉ. अजय वर्मा, दिगम्बर जैन चिकित्सालय के संस्थापक मनीष जैन आदि ने शोक जताते हुए उनके कृतित्व एवं व्यक्तित्व की चर्चा भी की। शोक सभा की अध्यक्षता आरआर मोहन ने की।
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