- कानपुर के व्यापारी मनीष गुप्ता हत्याकांड का मुख्य आरोपित है जेएन सिंह
- गिरफ्तारी का दबाव बढ़ने पर न्यायालय में आत्मसमर्पण करने आए थे गाेरखपुर
- भनक लगते ही क्राइम ब्रांच की टीम ने दबोचा, चल रही पूछताछ
प्रारब्ध न्यूज ब्यूरो, गोरखपुर
कानपुर के प्रापर्टी डीलर मनीष गुप्ता हत्याकांड के मुख्य आरोपी इंस्पेक्टर जेएन सिंह और दारोगा अक्षय मिश्रा को गोरखपुर पुलिस ने रविवार शाम गिरफ्तार कर लिया। दोनों से रामगढ़ताल और क्राइम ब्रांच की टीम पूछताछ कर रही है। जल्द ही दोनों को कानपुर की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) को सुपुर्द कर दिया जाएगा। अन्य आरोपियों की तलाश में गोरखपुर के साथ ही कानपुर जिले की पुलिस छापेमारी कर रही है। दबाव बनाने के लिए कई आरोपियों के परिवार के लोगों को हिरासत में लिया गया है।
हत्यारोपी निरीक्षक जेएनसिंह निवासी थाना मुसाफिरखाना जनपद अमेठी, उपनिरीक्षक अक्षय कुमार मिश्रा निवासी थाना नरही जनपद बलिया, उप निरीक्षक विजय यादव निवासी थाना बक्सा जनपद जौनपुर, उप निरीक्षक राहुल दुबे निवासी थाना कोतवाली देहात जनपद मिर्जापुर, मुख्य आरक्षी कमलेश सिंह यादव निवासी थाना परिसर जनपद गाजीपुर, आरक्षी नागरिक पुलिस प्रशांत कुमार निवासी थाना सैदपुर जनपद गाजीपुर की गिरफ्तारी के लिए गोरखपुर और कानपुर पुलिस की 16 टीम एक सप्ताह से छापेमारी कर रही हैं।शनिवार को कानपुर के पुलिस कमिश्नर असीम अरुण ने आरोपितों पर घोषित 25-25 हजार रुपये के इनाम को बढ़ाकर एक लाख कर दिया था।
शासन स्तर से आरोपितों की गिरफ्तारी का दबाव बढ़ने पर पुलिस आरोपितों के स्वजन व करीबियों से पूछताछ कर रही थी।घेराबंदी बढ़ने पर कोर्ट में सरेंडर करने के इरादे से निरीक्षक जेएन सिंह और दारोगा अक्षय मिश्रा शनिवार की शाम गोरखपुर पहुंचे।
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यह है पूरा घटनाक्रम
27 सितंबर को कानपुर के कारोबारी मनीष गुप्ता अपने दो दोस्तों के साथ गोरखपुर घूमने के लिए आए थे। तारामंडल स्थित होटल कृष्णा पैलेस में रात में पुलिस मनीष व उनके दोस्तों की पिटाई कर दी थी। इससे मनीष की मौत हो गई थी। दूसरे दिन मनीष की पत्नी मीनाक्षी की तहरीर पर पुलिस ने हत्यारोपित निरीक्षक जगत नारायण सिंह सहित छह पुलिस कर्मियों के विरुद्ध हत्या का मुकदमा पंजीकृत किया था। जिसकी विवेचना कानपुर एसआइटी कर रही है।
अपर पुलिस आयुक्त कानपुर आनंद प्रकाश तिवारी के नेतृत्व में दो अक्टूबर को गोरखपुर पहुंची एसआईटी की जांच में सभी पुलिसकर्मी दोषी पाए गए। जिसके बाद आरोपियों की तलाश में छापेमारी की जा रही थी।
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