प्रारब्ध न्यूज ब्यूरो, कानपुर
जीका वायरस का संक्रमण सबसे पहले दक्षिण अफ्रीका के युगांडा के जीका फारेस्ट में अप्रैल 1947 में बंदरों में जीका वायरस का संक्रमण पाया गया था। उसके बाद नाइजीरिया में वर्ष 1954 में मनुष्यों में जीका वायरस के संक्रमण के उपरांत बुखार पाया गया था। उसके बाद वर्ष 1981 में कई अफ्रीकी देशों में भी संक्रमण पाया गया। जैसे कि सेंट्रल अफ्रीका, रिपब्लिक इजिप्ट, गैबन, सिएरा, लियोन, तंजानिया और युगांडा से एशिया महादेश के कई देशों में भी कई जगह संक्रमित पाए गए। अब भारत, इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपींस, थाईलैंड और वियतनाम के कुछ हिस्से में भी संक्रमित मिलने लगे हैं।
भारत में वर्ष 2018 में मिला पहला संक्रमित
भारत में जीका वायरस का पहला संक्रमित सितंबर 2018 में राजस्थान के जयपुर शहर में मिला था। उस समय 22 मरीजों में जीका वायरस के संक्रमण की पुष्टि हुई थी। उसके बाद दक्षिण भारत के तटीय राज्य केरल में भी कई मरीजों में जीका वायरस के संक्रमण की पुष्टि हुई है।
जीका वायरस का महामारी विज्ञान
जीका वायरस मच्छर जनित रोग है। जीका वायरस जीनस फ्लेवी वायरस तथा फैमिली फ्लेविविरिडी के अंतर्गत आता है। इस वायरस का फ्लेवी वायरस से बहुत नजदीकी संबंध है, जो डेंगू, चिकनगुनिया, येलो फीवर और वेस्ट नाइल वायरस का संक्रमण फैलाते हैं। यह सिंगल स्ट्रेंड आरएनए वायरस है, जिसकी जिनोमिक लंबाई 10794 केवी होती है।
जीका वायरस के संक्रमण के लक्षण
वायरस का संक्रमण होने पर प्रारंभिक लक्षणों में हल्का बुखार, शरीर पर चकत्ते, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द और आंखों में संक्रमण यानी कंजेक्टिवाइटिस आदि होने लगता है।
इनकी जरूर कराएं जांच
अगर किसी व्यक्ति को जीका वायरस का संक्रमण का संदेह है तो उसकी पूरी हिस्ट्री जरूर पता करनी चाहिए। दो सप्ताह पहले विदेश यात्रा में न गया हो। संक्रमण प्रभावित क्षेत्र की यात्रा न किया हो। संक्रमण प्रभावित क्षेत्र से रिश्तेदार या कोई और मिलने आया हो।
यह हैं संक्रमण के लक्षण
- बुखार एवं शरीर पर दाने (चकत्ते)
- जोड़ों या मांसपेशियों में दर्द
- आंखें लाल होना, कीचड़ आना।
- सिर में दर्द और भारीपन महसूस होना।
- संक्रमण के पांच दिन बाद लें नमूना
वायरस से संक्रमित व्यक्ति में संदेह या लक्षण मिलने के पांचवें दिन खून का नमूना लेकर आरटीपीसीआर प्रयोगशाला में जांच के लिए भेजा जाना चाहिए। उत्तर प्रदेश में यह सुविधा किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के माइक्रोबायोलॉजी विभाग की लैब में है।
लक्षण के आधार पर ही इलाज
- संक्रमित व्यक्ति का लक्षण के आधार पर इलाज किया जाता है।
- संक्रमण होने के बाद शरीर में पानी की कमी न होने दें, तरल पदार्थ लेते रहें।
- दर्द तथा बुखार के लिए पैरासिटामॉल दवा का सेवन करें, दर्द निवारक न लें।
- गंभीर स्थिति होने पर तत्काल डाक्टर से सलाह लें, अस्पताल में भर्ती हो जाएं।
रोकथाम एवं नियंत्रण
जीका वायरस के संक्रमण का नियंत्रण नियमित वेक्टर सर्विलांस एकीकृत प्रबंधन द्वारा किया जाना चाहिए। कानपुर जिले के भौगोलिक दृष्टिकोण एवं विगत वर्षों में डेंगू के व्यापक प्रसार को देखते हुए सावधानी बरतने की आवश्यकता है। इसमें लापरवाही बरते जाने से स्थिति नियंत्रण से बाहर हो सकती है।
- डॉ. देव सिंह, पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट
पूर्व जिला महामारी वैज्ञानिक, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, कानपुर नगर।
संपर्क सूत्र : 94737 01284
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