बिहार के नालंदा और देवरिया के गिरोह ने डाली थी कानपुर के गोविंद नगर के अपार्टमेंट में डकैती

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  • 37 दिन बाद पुलिस ने किया डकैती का खुलासा, एक किशोर आरोपित हत्थे चढ़ा
  • डकैती डालने वाले आरोपी नालंदा व देवरिया जेल में हैं बंद
  • पांचवें आरोपी की पुलिस अब तक नहीं कर सकी है शिनाख्त



प्रारब्ध न्यूज ब्यूरो, कानपुर


गोविंद नगर टी ब्लाक स्थित शिवम इन्कलेव अपार्टमेंट में पड़ी डकैती का 37 दिनों बाद पुलिस खुलासा करने में कामयाब हुई है। क्राइम ब्रांच ने एक नाबालिग आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। अन्य चार में से तीन आरोपी भी इस समय जेल में हैं। पांचवें आरोपी की शिनाख्त अभी नहीं हुई है। पकड़े गए नाबालिग के जरिए पुलिस एक-एक कड़ी जोड़ती गई। अब अहम जानकारियां हासिल करने के लिए पुलिस जेल में बंद मास्टर माइंड को रिमांड पर लेने की तैयारी कर रही है। 


गोविन्द नगर में 17 सितंबर की देर रात रेलिंग फांदकर अपार्टमेंट के अंदर घुसे बदमाशों ने पहले सिक्योरिटी गार्ड गुमटी मोहाल औरैया निवासी वीरेंद्र वर्मा को बंधक बनाकर बाथरूम में बंद कर दिया। इसके बाद बदमाश ने पहली मंजिल के जी-2 फ्लैट में रहने वाली बुजुर्ग महिला आशा गुप्ता के घर का मुख्य द्वार साबड़ से तोड़कर अंदर घुसे और उन्हें बंधक बनाकर लूटपाट की। बदमाशों ने बुजुर्ग महिला को मारपीट करके 1.75 लाख रुपये की नकदी और 14 लाख रुपये के जेवर लूट लिए थे।

 

अपार्टमेंट में आशा गुप्ता अकेले ही रहती थीं। बेटी रानी की शादी हो चुकी है। उनका बड़ा बेटा अविनाश दिल्ली में इंजीनियर और छोटा बेटा आशुतोष राजस्थान के कोटा में साफ्टवेयर इंजीनियर है। उनके पति अशोक गुप्ता कानपुर फर्टिलाइजर में क्लर्क थे, जो सेवानिवृत्त हो चुके थे। उनका 29 अप्रैल को बीमारी से देहांत हो गया था। वारदात के बाद से वह रिश्तेदारों के साथ रह रही हैं। 


वारदात का ऐसे किया खुलासा


पुलिस की पूछताछ में पता चला था कि बदमाशों ने सिक्योरिटी गार्ड के हाथ प्लास्टिक की स्ट्रिप से बांधे थे। क्राइम ब्रांच के दारोगा सुनित शर्मा को जांच के दौरान पता चला कि बिहार के नालंदा में पड़ी एक डकैती में कुछ बदमाश पकड़े गए हैं। उन्हाेंने भी बंधक बनाने के लिए प्लास्टिक की स्ट्रिप का इस्तेमाल किया था। इसके बाद क्राइम ब्रांच ने नालंदा पुलिस से संपर्क किया। वहां से गिरफ्तार किए गए बदमाशों के पास मिले मोबाइल नंबरों की आइएमइआइ नंबर को जब रन कराया गया तो एक नंबर डकैती वाले दिन कानपुर में सक्रिय मिला। 


जानकारी मिली कि उस मोबाइल पर अब दूसरा सिम पड़ा है। उस सिम नंबर के आधार पर ही पुलिस देवरिया पहुंची। यहां के थाना खामपार स्थित सरैया बाजार से उस नंबर का प्रयोग कर रहे एक सोलह साल के किशोर को हिरासत में ले लिया। पूछताछ में किशोर ने अपार्टमेंट में पड़ी डकैती में शामिल होना स्वीकार कर लिया। किशोर ने बताया कि उसे 40 हजार रुपये और कुछ सोना मिला है। पुलिस ने आरोपी किशोर के पास से साढ़े चार हजार रुपये और आठ ग्राम सोना बरामद कर लिया। 


गिरोह के सदस्यों ने ऐसे की प्लानिंग


आरोपी किशोर ने बताया कि देवरिया के कुकरहाटी निवासी मुन्ना यादव के बड़े भाई के साथ उसकी बहन का रिश्ता तय हुआ है। घर की आर्थिक स्थिति खराब है, जिस वजह से वह स्कूल की फीस तक जमा नहीं कर पा रहा था। ऐसे में मुन्ना ने उसे चोरी और लूट की वारदात करने की सलाह दी।


डीसीपी क्राइम सलमान ताज पाटिल ने बताया कि मुन्ना बिहार के सीवान के बसंतपुर निवासी अपराधी जोगिंदर गैंग का सदस्य है। जोगिंदर ने ही अपने साथ स्थानीय सुधीर मेहतो व एक अन्य साथ मिलकर इस वारदात को अंजाम दिया। घटना वाले दिन से पहले रेकी के लिए जोगिंदर कानपुर आ गया था। उसके बाद अन्य चारों सदस्य मुन्ना के साथ बस से गोरखपुर, लखनऊ होते हुए कानपुर आए। 


वारदात को अंजाम देने के बाद किशोर, मुन्ना और एक अन्य झकरकटी बस अड्डा से बस से लखनऊ होते हुए देवरिया चले गए। उनके दो अन्य सदस्य फतेहपुर होते हुए लखनऊ गए और वहां से बिहार चले गए। गैंग में 20 सदस्य हैं जो कि पूरे देश में घूम घूमकर वारदात को अंजाम देते हैं।

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