- लक्षणों के आधार पर सटीक होम्योपैथिक दवा से मरीज का होता है सफल उपचार
- विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर आरोग्यधाम के चिकित्सकों ने स्वस्थ रखने के दिए टिप्स
- मानसिक रोग में नींद की गोलियों एवं दर्द निवारक दवाओं के सेवन से बचक कर रहें
प्रारब्ध न्यूज ब्यूरो, कानपुर
विश्व मानसिक दिवस पर शनिवार को आरोग्यधाम ग्वालटोली के वरिष्ठ होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ. हेमंत मोहन और डॉ. आरती मोहन ने मरीजों को मानसिक बीमारियों के बारे में जानकारी दी। उन्हें मानसिक रूप से स्वस्थ रहने के लिए जागरूक भी किया। डाॅ. हेमंत ने कहा कि मन को स्वस्थ रखने के लिए नींद की दवाओं के प्रयोग से बचें। लक्षणों के आधार पर होम्योपैथी दवा का सेवन करें जो कि मानसिक रोगों में उत्कृष्ट प्रभाव दिखाती हैं।
होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ. हेमंत मोहन ने कहा की यदि आपको डिप्रेशन, तनाव, अनिद्रा है तो होम्योपैथी दवाएं कारगर हैं। उनके सटीक लक्षण से चिकित्सक को अवगत कराएं, ताकि उसके आधार पर होम्योपैथिक दवाओं का सेवन करने से आशातीत सफलता मिलती है। होम्योपैथी दवाएं मानसिक लक्षण के आधार पर देने से रोगी पूर्ण स्वस्थ हो जाता है। नींद की गोलियां एवं दर्द निवारक दवाओं का आदी भी नहीं हो पाता है।
आरोग्यधाम की वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. आरती मोहन ने बताया कि कोरोना काल के पश्चात बहुत से लोग पैनिक हो रहे हैं। उन्हें घबराहट, उलझन और बेचैनी हो रही है। ऐसे में किसी योग्य होम्योपैथिक चिकित्सक से काउंसिलिंग करके लक्षणों के आधार पर होम्योपैथी दवाएं लेनी चाहिए। ऐसा करके जीवन भर नींद की दवाइयों के साथ डिप्रेशन की दवाइयां खाने से बचा जा सकता है।
डॉ. आरती मोहन ने बताया कि मस्तिष्क तब ही स्वस्थ रहेगा जब हम लोग नित्य रूप में व्यायाम, योग और प्राणायाम करेंगे। साथ ही साथ सब लोगों से अनुरोध किया कि टीवी, मोबाइल, लैपटॉप व कंप्यूटर का कम से कम प्रयोग करें। साथ ही बच्चों को भी दिनभर में अधिकतम एक घंटे की मोबाइल एवं टीवी देखने की अनुमति प्रदान करें। ऐसा न करने से बच्चे भी उसके आदि हो जाएंगे। जो आगे चलकर घातक साबित होगा।
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