- राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने रामपुर जिले के आरटीआई एक्टिविस्ट दानिश खां के प्रार्थना पत्र पर लिया संज्ञान
प्रारब्ध न्यूज ब्यूरो, रामपुर
कानपुर के प्रॉपर्टी डीलर मनीष गुप्ता की पीट पीटकर हत्या किए जाने के मामले में गोरखपुर के जिलाधिकारी (डीएम) और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) एवं संबंधित थाना पुलिस के खिलाफ राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने केस दर्ज कर लिया है। आयोग ने रामपुर जिले के आरटीआई एक्टिविस्ट दानिश खां के प्रार्थना पत्र पर संज्ञान लेते हुए केस दर्ज किया है।
गोरखपुर पुलिस की पिटाई से कानपुर के प्रॉपर्टी डीलर मनीष गुप्ता की मौत का मामले ने अब तूल पकड़ लिया है। रामपुर के नादरबाग मढ़ैया निवासी आरटीआई एक्टिविस्ट दानिश खां ने इस संबंध में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को पत्र लिखा है। उन्होंने अपने पत्र में कहा है कि गोरखपुर के इस चर्चित प्रकरण में पुलिस लीपा-पोती की कोशिश कर रही है। मनीष गुप्ता की पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने पुलिस की झूठी कहानी की पोल खोलकर रख दी है।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पता चला है कि मनीष के सिर, चेहरे और शरीर पर गंभीर चोट के निशान पाए गए हैं। मनीष के सिर के अगले हिस्से पर तेज प्रहार किया गया, जिससे उनके नाक के पास से खून बह रहा था। हालांकि, पुलिस ने घटना के बाद अपने पहले बयान में इसे हादसे में हुई मौत बताया था। उन्होंने डीएम, एसएसपी और संबंधित थाना पुलिस पर कार्रवाई की मांग की।
दानिश के इस प्रार्थना पत्र पर संज्ञान लेते हुए आयोग ने केस दर्ज कर लिया है। साथ ही इस पूरे घटनाक्रम की रिपोर्ट भी मांगी है। ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही आयोग की टीम घटनास्थल का मुआयना करने आ सकती है। साथ ही पीड़ित परिवार से मिलने कानपुर भी जा सकती है।
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