दिनांक : 12 सितम्बर, दिन : रविवार
विक्रम संवत : 2078 (गुजरात - 2077)
शक संवत : 1943
अयन : दक्षिणायन
ऋतु : शरद
मास : भाद्रपद
पक्ष : शुक्ल
तिथि : षष्ठी शाम 05:21 बजे तक तत्पश्चात सप्तमी
नक्षत्र : विशाखा सुबह 09:50 बजे तक तत्पश्चात अनुराधा
योग : वैधृति सुबह 11:44 बजे तक तत्पश्चात विष्कंभ
राहुकाल : शाम 05:12 बजे से शाम 06:45 बजे तक
सूर्योदय : प्रातः 06:26 बजे
सूर्यास्त : 18:43 बजे
दिशाशूल : पश्चिम दिशा में
व्रत पर्व विवरण
सूर्य षष्ठी, बलराम जयंती, कार्तिक स्वामी दर्शन, गौरी आवाहन, रविवारी सप्तमी (शाम 05:22 बजे से 13 सितंबर सूर्योदय तक)
विशेष : षष्ठी को नीम की पत्ती, फल या दातुन मुँह में डालने से नीच योनियों की प्राप्ति होती है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
गणेश उत्सव
मोर पंख सिर्फ भगवान श्रीकृष्ण को नहीं, बल्कि सभी देवी–देवताओं को प्रिय है। इसमें नौ ग्रहों का निवास भी माना गया है। ज्योतिष शास्त्र से जुड़े कुछ खास उपायों को गणेश उत्सव पर किया जाए तो पैसों के साथ ही जीवन की अन्य कई तरह की समस्याओं को दूर किया जा सकता है। आइए जानते हैं मोर पंख से जुड़े कुछ खास आसान उपाय।
कारगर उपाय
आपका भाग्य बदल सकता है गणेश जी को चढ़ाया हुआ एक मोरपंख :-
पैसों से जुड़ी समस्या
जिन लोगों को पैसों की कमी रहती है वे पर्स में ये मोर पंख रखें।
रुके हुए काम होंगे पूरे
इस मोर पंख को हमेशा साथ रखने पर रुके हुए काम पूरे होने लगते हैं।
बच्चा जिद्दी हो तो
उस बच्चे के सिर से पैर तक ये मोर पंख फिरा दें। फायदा होगा।
डरावने सपने आते हों तो
रात में डरावने सपने आते हों तो मोर पंख को सिरहाने रखकर सोएं।
नकारात्मक शक्ति
मोर पंख को घर के किसी ऐसी जगह पर रखें जहां से वो दिखाई दे तो नकारात्मकता दूर होगी।
बरकत के लिए
साउथ इस्ट में इस मोर पंख को रखने से घर में हमेशा बरकत रहेगी।
किताब में मोर पंख
इस मोर पंख को स्टूडेंट अपनी किताब में रखें तो पढ़ाई में मन लगने लगेगा।
यदि वास्तुदोष हो तो
यदि मुख्य द्वार दोष में हो तो दरवाजे के ऊपर तीन मोर पंख लगाएं।
शत्रु परेशान कर रहा हो तो
मंगलवार को मोर पंख से हनुमानजी के मस्तक पर सिंदूर से शत्रु का नाम लिखे।रात भर मोर पंख को देवस्थान पर रखें व सुबह बहते हुए जल में प्रवाहित कर दें।
लक्ष्मी प्रप्ति व्रत
13 सितम्बर 2021 सोमवार से महालक्ष्मी व्रत प्रारंभ
भाद्रपद शुक्ल अष्टमी से आश्विन कृष्ण अष्टमी तक घर में अगर कोई महालक्ष्मी माता का पूजन करे और रात को चन्द्रमा को अर्घ्य दे तो उस के घर में लक्ष्मी बढ़ती जाती है।
इस वर्ष ये योग 13 सितम्बर 2021 सोमवार से 28 सितम्बर 2021 मंगलवार तक हैं।
महालक्ष्मी का पूजन करें।
रात को चन्द्रमा को अर्घ्य देना कच्चे दूध (थोडा सा) से फिर पानी से।
महालक्ष्मी का मन्त्र जप करना।
ॐ श्रीं नमः
ॐ विष्णु प्रियाय नमः
ॐ महा लक्ष्मै नमः
इन में से कोई भी एक जप करें।
घर में सदैव आर्थिक परेशानी रहती है तो
स्कंदपुराण और दूसरे ग्रंथों में बात आयी है कि जिन लोगों के घर में सदैव आर्थिक परेशानी रहती है उनके लिए भाद्र शुक्ल अष्टमी (13 सितम्बर, सोमवार) के दिन से लेकर आश्विन कृष्ण अष्टमी (गुजरात एवं महाराष्ट्र अनुसार भाद्रपद कृष्ण अष्टमी) माने 28 सितम्बर, मंगलवार तक महालक्ष्मी माता का पूजन विधान स्कंदपुराण, आदि ग्रंथो में बताया गया है और इस सरल विधान के अनुसार 13 सितम्बर से 28 सितम्बर तक नित्य प्रात: लक्ष्मी माता का सुमिरन करते हुए – ॐ लक्ष्मयै नम: ॐ लक्ष्मयै नम: ॐ लक्ष्मयै नम: मंत्र का 16 बार प्रति दिन जप करें और फिर लक्ष्मीमाता का पूजन करते हुए एक श्लोक पाठ करें । इससे समय, शक्ति खर्च नहीं होगी उल्टा पुण्य भी बढ़ेगा | श्लोक इस प्रकार है।
धनं धान्यं धराम हरम्यम, कीर्तिम आयुर्यश: श्रीयं,
दुर्गां दंतीन: पुत्रां, महालक्ष्मी प्रयच्छ मे '
"ॐ श्री महालक्ष्मये नमः" "ॐ श्री महालक्ष्मये नमः"
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