- जानलेवा हमले के मुकदमे में भाइयों ने कोर्ट में अर्जी दाखिल कर वापस ली जमानत
- 22 सितंबर को वीडियो कांफ्रेंसिंग से विधायक मुख्तार अंसारी की अदालत में पेशी
बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी। फोटो : सौजन्य इंटरनेट |
प्रारब्ध न्यूज ब्यूरो, प्रयागराज
बांदा जेल में बंद निर्दलीय विधायक मुख्तार अंसारी की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। एक तो सरकार की नाराज़गी का दंश झेल रहे हैं। एक-एक कर उनका आर्थिक साम्राज्य धाराशाई होता जा रहा है। सरकार के कसते शिकंजे की वजह से अब उनके अपने ही किनारा करने लगे हैं। जानलेवा हमले के मुकदमे में उनके जिन भाइयों ने जमानत कराई थी, अब उन्होंने जमानत वापस ले ली है। इस पर अदालत ने अभियुक्त मुख्तार को फिर से अभिरक्षा में लेने का आदेश दिया है।
बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी के खिलाफ यह मुकदमा वर्ष 2009 में गाजीपुर में जानलेवा हमला और आपराधिक षडयंत्र से जुड़ा हुआ है। इस मुकदमे में विधायक को 28 अगस्त 2010 को हाईकोर्ट से जमानत मिली थी। एमपी एमएलए स्पेशल कोर्ट में मुख्तार के सगे भाई मोहम्मद अकबर और मो. अकमल ने अर्जी देकर कहा कि उनको निजी कारणों से बाहर जाना है। इसलिए वह जमानत वापस करना चाहते हैं।
अदालत ने उन दोनों की जमानत वापसी की अर्जी मंजूर कर ली। सुनवाई कर रहे विशेष जज आलोक कुमार श्रीवास्तव ने आदेश दिया है कि मुख्तार का कस्टडी वारंट बनाया जाए। आगामी 22 सितंबर को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए विधायक मुख्तार अंसारी को अदालत में पेश किया जाए। यह मुकदमा अभी साक्ष्य स्तर पर विचाराधीन है। कोर्ट ने अग्रिम साक्ष्य भी प्रस्तुत करने का आदेश दिया है।
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