- कानपुर मेट्रो रेल परियोजना के प्राइमरी कारीडोर के लिए आएंगी आठ ट्रेन, तीन कोच बड़ोदरा से रवाना
प्रारब्ध न्यूज ब्यूरो, लखनऊ
कानपुर मेट्रो रेल परियोजना के प्राइमरी कारीडोर आइआइटी से मोतीझील के बीच आठ ट्रेनें चलाई जाएंगी। इसकी पहली ट्रेन के तीन कोच शनिवार को गुजरात से रवाना हो गए। कोच लाने के लिए यूपी मेट्रो रेल कॉरपोरेशन के एमडी कुमार केशव अपनी टीम के साथ वहां पहुंचे थे। आएं जानते हैं लखनऊ मेट्रो ट्रेन से कितनी अलग और अनूठी होगी कानपुर की मेट्रो रेल। इसके कोच की खासियत क्या है।
कानपुर मेट्रो रेल परियोजना का प्राथमिक कारीडोर नौ किलोमीटर लंबा है। इसका काम 15 नवंबर 2019 में शुरू हुआ था। 15 नवंबर 2021 यानी ठीक दो वर्ष बाद ट्रायल रन शुरू करना है। जनवरी 2022 में आमजन मेट्रो रेल में सफर करना शुरू कर देंगे। पहले सेक्शन के लिए आठ मेट्रो ट्रेनें होंगी, जो तीन कोच की होंगी। बाद में कानपुर के दोनों कारीडोर में कुल 39 ट्रेनें आएंगी। सभी में तीन-तीन कोच होंगे।
मेट्रो ट्रेन की खासियत :-
- मेट्रो ट्रेनों में ब्रेक लगाने तक से 45 पीसद तक ऊर्जा को रीजनरेट की जाएगी, ताकि उसका फिर से सिस्टम में इस्तेमाल कर लिया जा सके। वायु-प्रदूषण को कम करने के लिए इन ट्रेनों में अत्याधुनिक सिस्टम रहेगा।
- कोच में कार्बन-डाई-आक्साइड सेंसर आधारित एयर कंडीशनिंग सिस्टम होगा, जो यात्रियों की संख्या के हिसाब से चलेगा, जिससे ऊर्जा की बचत होगी।
- आटोमेटिक ट्रेन आपरेशन को ध्यान में रखते हुए इन ट्रेनों को ट्रेन नियंत्रण प्रणाली से चलाया जाएगा।
- कानपुर मेट्रो रेल की ट्रेनों में यात्री क्षमता 974 होगी।
- ट्रेनों की डिज़ाइन स्पीड 90 किमी प्रति घंटा और आपरेशन स्पीड 80 किमी प्रति घंटा तक होगी।
- ट्रेन के पहले और आख़िरी कोच में दिव्यांगों की व्हीलचेयर के लिए अलग से जगह होगी। व्हीलचेयर के स्थान के पास ‘लांग स्टाप रिक्वेस्ट बटन’ होगा, जिसे दबाकर दिव्यांग ट्रेन आपरेटर को अधिक देर तक दरवाज़ा खुला रखने के लिए सूचित कर सकते हैं, ताकि वे आराम से ट्रेन से उतर सकें।
- ट्रेनों में अग्निशमन यंत्र, स्मोक डिटेक्टर्स और सीसीटीवी कैमरे भी लगे होंगे।
- कानपुर मेट्रो ट्रेनें थर्ड रेल यानी पटरियों के समानांतर चलने वाली तीसरी रेल से ऊर्जा प्राप्त करेंगी। इसमें खंभों और तारों की आवश्यकता नहीं होगी।
- ट्रेन के कोच अत्याधुनिक फायर और क्रैश सेफ्टी के मानकों के आधार पर डिजाइन किए गए हैं।
- हर ट्रेन के कोच में 24 सीसीटीवी कैमरे होंगे, जिनका वीडियो फीड सीधे ट्रेन आपरेटर और डिपो में बने सेंट्रल सिक्योरिटी रूम में पहुंचेगा।
- ट्रेन में 56 यूएसबी चार्जिंग प्वाइंट और 36 एलसीडी पैनल्स भी होंगे।
- टाक बैक बटन को दबाकर यात्री आपात स्थिति में ट्रेन आपरेटर से बात कर सकते हैं। यात्री की लोकेशन और सीसीटीवी फुटेज ट्रेन आपरेटर के पास मौजूद मानीटर पर दिखेगा।
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