- टापू बना गांव, गंगा नदी ने दिखाया रौद्र रूप
- जलमग्न हुई सड़कें, सैकड़ों एकड़ फसल बर्बाद
- घर से निकलना मुश्किल, चारों तरफ भरा पानी
प्रारब्ध न्यूज ब्यूरो, गाजीपुर
बाढ़ ने एक बार फिर पुरानी यादें ताजा कर दी, जिधर देखो उधर पानी ही पानी। गांव की सड़कें हों या खेत खलियान सब कुछ बाढ़ के पानी में डूब चुका है, घर से निकलना भी मुश्किल हो गया है। चारों तरफ पानी भरा हुआ है, सैकड़ों परिवार घरों के अंदर कैद हो गए हैं। हम बात कर रहे हैं गाजीपुर जिले के मोहम्मदाबाद तहसील अंतर्गत सेमरा गांव की। यह गांव पहले भी बाढ़ को लेकर सुर्खियों में रहा है, यहां के सैकड़ों परिवार गंगा के कटान में अपना आशियाना गंवा चुके हैं।
गांव की आबादी भले ही कम हो लेकिन यह गांव बाढ़ की विभीषिका का दंभ आज भी झेल रहा है। वर्ष 2013 में आई भीषण बाढ़ और गंगा के कटान से सैकड़ों परिवार बेघर हो गए, उनका आशियाना गंगा में विलीन हो गया। गंगा का रूद्र रूप आज भी याद कर ग्रामीणों के रोंगटे खड़े हो जाते हैं। आंखों के सामने गंगा में विलीन होता उनका पुश्तैनी मकान उन्हें आज भी याद है।
अभी पुराने जख्म भरे भी नहीं कि इस साल फिर गंगा ने अपना रौद्र रूप दिखाना शुरू कर दिया है। गंगा का पानी लगातार बढ़ने से लोगों में भय का माहौल है। उन्हें फिर से चिंता सताने लगी है की अब उनका क्या होगा। खेतों में पानी भर गया है, सैकड़ों एकड़ फसलें पानी में डूब चुकी हैं। घर के चारों तरफ पानी ही पानी है। ऐसे में वह घरों के अंदर कैद हो गए हैं।
सेमरा-शेरपुर सड़क पर बह रही गंगा
गांव निवासी धनंजय राय, समीर राय, आशुतोष राय आदि का कहना है कि यहां के लोग खेती किसानी कर जीवन यापन करते हैं लेकिन बाढ़ में इस बार लगता है पूरी खेती चौपट हो जाएगी। खेतों में पानी भर गया है और फसलें भी डूब गई हैं। सेमरा से शेरपुर की तरफ जाने वाली सड़क पूरी तरह पानी में डूब चुकी है। सड़क पर गंगा की तेज धार बह रही है। लोगों के सामने राशन पानी की भी दिक्कत हो रही है। ग्रामीणों का कहना है कि घर के चारों तरफ पानी भर जाने से उनका निकलना मुश्किल हो गया है।
पशुओं के चारे के लिए भी संकट
किसानों का कहना है कि घर के चारों तरफ पानी भर जाने से पशुओं के चारे का भी संकट उत्पन्न हो गया है। खेतों में पहले से ही पानी भर गया है, ऐसे में पशुओं को चारा खिलाना भी मुश्किल लग रहा है।
फसलों की सता रही चिंता
किसानों का कहना है कि फसलों के नुकसान की भरपाई कैसे होगी इसकी चिंता सताने लगी है। बड़ी मुश्किल से खेती किसानी कर जीवन यापन कर रहे हैं। ऐसे में बाढ़ के पानी में फसलों का डूब जाना उनके लिए बड़ी मुश्किल होगा। दोबारा फिर से खेती करना होगा।
फसल बीमा का लाभ मिलेगा या नहीं इसकी भी चिंता
किसानों का कहना है कि केसीसी के जरिए सरकार से ऋण लेकर खेती करते हैं। अगर ऐसे में बाढ़ में उनकी पूरी फसल बर्बाद हो गई तो उसकी भरपाई कैसे होगी इसकी चिंता सताए जा रही है। कुछ किसानों ने फसल बीमा भी करा रखा है लेकिन उन्हें इसकी चिंता है कि योजना का लाभ भी उन्हें मिल पाएगा अथवा नहीं। विभागों में पनप रहा भ्रष्टाचार की कहीं भेंट न चढ़ जाए। कागजी कोरम पूरा करते-करते उन्हें नुकसान की भरपाई मिलना भी मुश्किल ना हो जाए। खेती किसानी करने वाला किसान कहां तक अधिकारियों के चक्कर काटेगा
ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री से लगाई गुहार
गांव निवासी अंजनी राय, धनंजय राय, सत्येंद्र राय, प्रवीण राय आदि किसानों ने मुख्यमंत्री से गुहार लगाई है। उनका कहना है कि गांव में बाढ़ आने से किसानों को काफी क्षति पहुंची है। ऐसे में किसानों को जल्द से जल्द राहत पहुंचाई जाए। साथ ही बाढ़ में बर्बाद हुई उनकी फसलों का भी उचित मुआवजा दिलाया जाए।
if you have any doubt,pl let me know