LPS Institute of cardiology : शासन से एक आंख की बात छिपाए हैं कानपुर के हृदय रोग संस्थान के निदेशक

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  • एक आंख नहीं होने के बाद भी सर्जरी कर मरीजों की जिंदगी से कर रहे हैं खिलवाड़ 
  • शासन और प्रशासन से हुई शिकायत, जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य को सौंपी जांच



प्रारब्ध न्यूज ब्यूरो, लखनऊ


लक्ष्मीपत सिंहानिया हृदय रोग संस्थान के निदेशक प्रो. विनय कृष्णा की एक आंख खराब है। इस तथ्य को प्रो. विनय कृष्णा शासन से छिपाए हुए हैं। एक आंख नहीं होने के बाद भी सर्जरी कर मरीजों की जिंदगी से खिलवाड़ कर रहे हैं। इसका खुलासा करते हुए शासन और प्रशासन से शिकायत की गई है। शासन से जांच का जिम्मा जीएसवीएम मेडिकल कालेज के प्राचार्य प्रो. संजय काला को देते हुए रिपोर्ट मांगी है। इसकी जांच प्रो. काला दबाए बैठे हैं।

पत्रकार संतोष यादव ने लक्ष्मीपत सिंहानिया हृदय रोग संस्थान के निदेशक प्रो. विनय कृष्णा के खिलाफ प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा डॉ. रजनीश दुबे से शिकायत की थी। उन्होंने जांच के आदेश दिए थे। परंतु भ्रष्टाचारी प्रो. विनय कृष्णा जांच को दबाने में कामयाब हुए थे। शासन के सेक्शन अफसर से  सांठगांठ कर फाइल दबवाने में कामयाब रहे थे। हाल में शासन से लेकर मुख्यमंत्री कार्यालय को इस प्रकरण से अवगत कराने पर फाइल दबाने वाले सेक्शन अफसर को ही हटा दिया गया। तब जाकर फाइल आगे बढ़ सकी, अब जब प्राचार्य प्रो. संजय काला के पास आ गई है, वह भी उसे दबाए बैठे हैं।

इधर, जांच चल रही है, उधर प्रो. विनय कृष्णा की  रिश्तेदार और तत्कालीन प्रमुख अधीक्षक डॉ. ज्योति सक्सेना पत्रकार की बहू से खुन्नस मानने लगी थीं।अपने रिश्तेदार का पक्ष लेते हुए पहले शिकायत वापस लेने का दबाव बनाया। धमकाते हुए कहा कि उनके खिलाफ कोई कार्रवाई ना करें नहीं तो प्ररिणाम गंभीर होंगे।

इसी खुन्नस में डॉ. ज्योति सक्सेना ने उनकी पुत्र वधू का तबादला नियम विरुद्ध पद का दुरुपयोग करते हुए कर दिया। उन्होंने स्वयं उनकी ड्यूटी लगाई, जबकि ड्यूटी लगाने का अधिकार नर्सिंग अधीक्षक को है। इतना ही नहीं, इस भ्रष्टाचारी प्रांतीय चिकित्सा सेवा संवर्ग (पीएमएस) की डॉक्टर ने पत्रकार की पत्नी पुष्पा यादव को भी कोप भाजन का शिकार बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। अपने एक आंख वाले हृदय रोग संस्थान के प्रो. विनय कृष्णा को बचाने और दबाव बनाने के लिए सहायक नर्सिंग अधीक्षक के पद पर तैनात पुष्पा यादव के खिलाफ झूठा मनगढ़ंत डीओ आर्डर लिखवा दिया। उस आर्डर की भाषा ठीक वैसी ही थी, जो प्रो. विनय कृष्णा के शिकायती पत्र की थी, जिसमें उन्होंने पत्रकार की पुत्रवधू बिंदु यादव और उनकी पत्नी पुष्पा यादव के खिलाफ झूठी शिकायत की थी। उसी पत्र को आधार बनाकर डॉ. ज्योति सक्सेना ने डीओ लिखा था।

जब इसकी शिकायत तत्कालीन महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य डॉ. नेगी से की। साथ ही शासन में बैठे अधिकारियों को अवगत कराया। उसे गंभीरता से लेते हुए शासन के निर्देश पर जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के वरिष्ठ चिकित्सकों की चार सदस्यीय कमेटी जांच कराई गई। कमेटी ने पुष्पा यादव और बिंदु यादव को निर्दोष पाते हुए क्लीन चिट दे दी। उधर, जैसे ही प्रमुख सचिव, चिकित्सा शिक्षा आलोक कुमार ने डॉ. ज्योति सक्सेना को हटाने का आदेश जारी किया। उसी दिन डॉ ज्योति ने उसी तारीख को पुष्पा यादव का डिओ खुन्नस निकालते हुए लिखा दिया। शिकायतों के आधार पर शासन ने उन्हें परिवार कल्याण विभाग में भेजा था, जहां से वह सेवानिवृत्त हो गई हैं।

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