Gsvm Medical College : फार्मेसी स्कूल के भवन के जीर्णोद्धार के नाम पर 2.70 करोड़ रुपये का घोटाला, फर्म ब्लैक लिस्टेड

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  • कानपुर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के डिप्लोमा फार्मेसी स्कूल के भवन के जीर्णोद्धार का मामला
  • मुख्यमंत्री ने भवन निर्माण में घोटाला किए जाने की शिकायत पर एसटीएफ से कराई थी जांच



प्रारब्ध न्यूज ब्यूरो, लखनऊ

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कानपुर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के फार्मेसी विभाग में नियम विरुद्ध टेंडर हासिल करने वाली फर्म को घटिया निर्माण करने पर ब्लैक लिस्ट कर दिया है। भवन के जीर्णोद्धार के नाम पर धनराशि की बंदरबांट की गई, जिस वजह आज तक भवन बेकार पड़ा हुआ है। फार्मेसी विभाग ने उसे लेने से हाथ खड़े कर दिए हैं।

तत्कालीन महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा डॉ. बीएन त्रिपाठी ने महेश चंद्र श्रीवास्तव की फर्म से संपर्क करके फार्मेसी विभाग के भवन के जीर्णोद्धार के लिए 2.70 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे। कालेज आफ नर्सिंग परिसर स्थित डिप्लोमा फार्मेसी स्कूल की बिल्डिंग के जीर्णोद्धार के नाम पर धनराशि हजम कर ली गई। आज भी बिल्डिंग जर्जर हालत में पड़ी है। धनराशि मिलीभगत कर डकार ली।
 
इसकी शिकायत पत्रकार संतोष यादव ने मुख्यमंत्री से की थी। इस प्रकरण की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) से कराने की मांग की थी। मुख्यमंत्री ने एसटीएफ को सौंपते हुए कड़ी कार्रवाई के आदेश दिए थे। एसटीएफ ने कानपुर मेडिकल कॉलेज के तत्कालीन डॉ. आरबी कमल के साथ जाकर डिप्लोमा फार्मेसी स्कूल छात्रावास पर छापा मारा था। घटिया निर्माण को पकड़ा स्लेब के नाम पर प्लाईवुड डालकर सीमेंट डाली गई थी। टाइल्स और बिजली के उपकरण भी घटिया क्वालिटी के मिले थे। निर्माण सामग्री भी घटिया इस्तेमाल की गई थी।

एसटीएफ की रिपोर्ट के आधार पर शासन फर्म को ब्लैक लिस्टेड करने की संस्तुति के साथ मुख्यमंत्री को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी। इसके आधार पर शासन ने महेश चंद श्रीवास्तव की फर्म को 6 सितंबर 2021 को ब्लैक लिस्ट कर दिया है। फर्म के ब्लैक लिस्ट होने के बाद दोषी तत्कालीन महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा डॉ. वीएन त्रिपाठी एवं डॉ. अमिता तिलक के खिलाफ शासन कार्रवाई करता है या उन्हें बचाने का अधिकारी प्रयास करेंगे। इसकी वजह यह है कि डॉ. अमिता तिलक प्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव अनूप चंद्र पांडेय की बहन हैं, जो वर्तमान समय में मुख्य निर्वाचन आयुक्त हैं। इस वजह से अधिकारी दबाव में हैं। 

मेडिकल कॉलेज का भ्रष्टाचार लगातार उजागर करने के कारण लेखनी पर अंकुश लगाने के लिए तत्कालीन मेडिकल कॉलेज की प्राचार्य डॉ. आरती लालचंदानी ने 2 फरवरी 2019 को झूठा पत्र लिखकर तत्कालीन जिलाधिकारी विजय विश्वास पंत को गुमराह कर अपनी निजी दुश्मनी निकालने के लिए झूठा पत्र लिखा और उसमें दर्शाया की संक्रामक रोग अस्पताल (आईडीएच) परिसर में आवासीत स्टाफ नर्स बिंदु यादव चेचक वार्ड में कब्जा किए हैं। इसे जनहित में तत्काल खाली कराया जाए। यहां पर संक्रामक रोग वार्ड का निर्माण किया जाना है। शहर में संक्रामक बीमारियां फैल रही हैं। ऐसे झूठे पत्र लिखकर परिवार की गैरमौजूदगी में 5 फरवरी 2019 को घर का ताला तोड़कर लूटपाट कराते हुए आवास में तोड़फोड़ कराई थी। उन्होंने सोचा था कि पत्रकार के परिवार को उत्पीड़न करने से पत्रकार अपनी लेखनी पर अंकुश लगा लेगा परंतु पत्रकार इन भ्रष्टाचारियों के सामने झुका नहीं। आज सच्चाई सामने आ गई।

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