विक्रम संवत : 2078 (गुजरात - 2077)
शक संवत : 1943
अयन : दक्षिणायन
ऋतु : शरद
मास : भाद्रपद (गुजरात एवं महाराष्ट्र अनुसार - श्रावण)
पक्ष - कृष्ण
तिथि - नवमी 31 सितम्बर प्रातः 04:23 तक तत्पश्चात दशमी
नक्षत्र - रोहिणी सुबह 09:44 तक तत्पश्चात मॄगशिरा
योग - हर्षण सुबह 08:49 तक तत्पश्चात वज्र
राहुकाल - शाम 03:47 से शाम 05:21 तक
सूर्योदय - 06:23
सूर्यास्त - 18:54
दिशाशूल - उत्तर दिशा में
पंचक
18 सितंबर दोपहर 3.26 बजे से 23 सितंबर प्रात: 6.45 बजे तक
व्रत और पर्व
एकादशी
03 सितंबर : अजा एकादशी व्रत
17 सितंबर : परिवर्तिनी एकादशी व्रत
प्रदोष
04 सितंबर : शनि प्रदोष व्रत
18 सितंबर : शनि प्रदोष व्रत
पूर्णिमा
20 सितंबर सोमवार भाद्रपद
अमावस्या
07 सितंबर, मंगलवार भाद्रपद अमावस्या
व्रत पर्व विवरण - नंद महोत्सव, गोगा नवमी, मंगलागौरी पूजन
विशेष - नवमी को लौकी खाना मना होता है
बरकत लाने की सरल कुंजियाँ
बाजार भाव अचानक बढ़ने-घटने से, मंदी की वजह से या अन्य कारणों से कईयों का धंधा बढ़ नहीं पाता | ऐसे में आपके काम-धंधे में भी बरकत का खयाल रखते हुए कुछ सरल उपाय-
1- ईशान कोण में तुलसी का पौधा लगाने व पूजा- स्थान पर गंगाजल रखने से बरकत होती है |
2- दुकान में बिक्री कम होती हो तो कनेर का फूल घिस के उसका ललाट पर तिलक करके दुकान पर जायें तो ग्राहकी बढ़ेगी |
3- रोज भोजन से पूर्व गोग्रास निकालकर गाय को खिलाने से सुख-समृद्धि व मान-सम्मान की वृद्धि होती है |
4- ईमानदारी से व्यवहार करें | ईमानदारी से उपार्जित किया हुआ धन स्थायी रहता है।
ग्रहदोष व ग्रहबाधा निवारण हेतु
ग्रहदोष और ग्रहबाधा जिनको भी लगी हो, वे अपने घर में 9 अंगुल लम्बा कुमकुम का स्वस्तिक बना दें तो ग्रहबाधा की जो भी समस्याएँ हैं, दूर हो जायेंगी।
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