Prarabdh Today's Panchang : आज का पंचांग एवं व्रत-त्योहार (25 अगस्त 2021)

0
दिनांक 25 अगस्त, बुद्धवार

विक्रम संवत : 2078 (गुजरात - 2077)

शक संवत : 1943

अयन : दक्षिणायन

ऋतु - शरद

मास - भाद्रपद (गुजरात एवं महाराष्ट्र अनुसार - श्रावण)

पक्ष - कृष्ण

तिथि - तृतीया शाम 04:18 तक तत्पश्चात चतुर्थी

नक्षत्र - उत्तर भाद्रपद रात्रि 08:48 तक तत्पश्चात रेवती

योग - शूल 26 अगस्त प्रातः 05:25 तक तत्पश्चात गण्ड

राहुकाल - दोपहर 12:41 से दोपहर 02:16 तक

सूर्योदय - 06:21

सूर्यास्त - 19:00

दिशाशूल - उत्तर दिशा में

व्रत और पर्व

एकादशी

03 सितंबर : अजा एकादशी

17 सितंबर : परिवर्तिनी एकादशी

प्रदोष

04 सितंबर : शनि प्रदोष

18 सितंबर : शनि प्रदोष व्रत

पूर्णिमा

20 सितंबर : भाद्रपद पूर्णिमा

अमावस्या

07 सितंबर : भाद्रपद अमावस्या

पंचक

22 अगस्त प्रात: 7.57 बजे से 26 अगस्त रात्रि 10.28 बजे तक

18 सितंबर दोपहर 3.26 बजे से 23 सितंबर प्रात: 6.45 बजे तक

व्रत पर्व विवरण -

फूल काजली व्रत, संकष्ट चतुर्थी (चन्द्रोदय रात्रि 09:10), बहुला चतुर्थी (म.प्र.)
 
विशेष - 

तृतीया को परवल खाना शत्रुओं की वृद्धि करने वाला है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
              
बहुला चतुर्थी

भाद्रपद महिने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी (गुजरात एवं महाराष्ट्र अनुसार श्रावण मास) को बहुला चतुर्थी व बहुला चौथ के नाम से जाना जाता है। इस दिन भगवान श्रीगणेश के निमित्त व्रत किया जाता है। इस बार यह चतुर्थी 25 अगस्त, बुधवार को है।

 ऐसे करें व्रत

महिलाएं इस दिन सुबह स्नान कर पवित्रता के साथ भगवान गणेशजी की आराधना आरंभ करें। भगवान गणेशजी  की प्रतिमा के सामने व्रत का संकल्प लें। धूप, दीप, गंध, पुष्प, प्रसाद आदि सोलह उपचारों से श्रीगणेशजी का पूजन संपन्न करें। चंद्र उदय होने से पहले जितना हो सके कम बोलें।

शाम होने पर फिर से स्नान कर इसी पूजा विधि से भगवान श्रीगणेशजी की उपासना करें। इसके बाद चन्द्रमा के उदय होने पर शंख में दूध, दूर्वा, सुपारी, गंध, अक्षत से भगवान श्रीगणेशजी का पूजन करें और चतुर्थी तिथि को चंद्र्देव को अर्घ दें। इस प्रकार बहुला चतुर्थी व्रत के पालन से सभी मनोकामनाएं पूरी होने के साथ ही व्रती (व्रत करने वाला) के व्यावहारिक व मानसिक जीवन से जुड़े सभी संकट, विघ्न और बाधाएं समूल नष्ट हो जाते हैं। यह व्रत संतान दाता तथा धन को बढ़ाने वाला है।

कोई कष्ट हो तो

25 अगस्त 2021 बुधवार को संकष्ट चतुर्थी चन्द्रोदय रात्रि 09:10

हमारे जीवन में बहुत समस्याएँ आती रहती हैं, मिटती नहीं हैं ।, कभी कोई कष्ट, कभी कोई समस्या | ऐसे लोग शिवपुराण में बताया हुआ एक प्रयोग कर सकते हैं कि, कृष्ण पक्ष की चतुर्थी (मतलब पुर्णिमा के बाद की चतुर्थी ) आती है | उस दिन सुबह छः मंत्र बोलते हुये गणपतिजी को प्रणाम करें कि हमारे घर में ये बार-बार कष्ट और समस्याएं आ रही हैं वो नष्ट हों |

छः मंत्र इस प्रकार हैं –

ॐ सुमुखाय नम:  सुंदर मुख वाले, हमारे मुख पर भी सच्ची भक्ति प्रदान सुंदरता रहे ।

ॐ दुर्मुखाय नम: मतलब भक्त को जब कोई आसुरी प्रवृत्ति वाला सताता है तो भैरव देख दुष्ट घबराये ।

ॐ मोदाय नम: मुदित रहने वाले, प्रसन्न रहने वाले।उनका सुमिरन करने वाले भी प्रसन्न हो जायें।

ॐ प्रमोदाय नम:  प्रमोदाय; दूसरों को भी आनंदित करते हैं । भक्त भी प्रमोदी होता है और अभक्त प्रमादी होता है, आलसी । आलसी आदमी को लक्ष्मी छोड़ कर चली जाती है । और  जो प्रमादी न हो, लक्ष्मी स्थायी होती है ।

ॐ अविघ्नाय नम:

ॐ विघ्नकरत्र्येय नम:

Post a Comment

0 Comments

if you have any doubt,pl let me know

Post a Comment (0)
To Top