दिनांक 11 अगस्त, बुद्धवार
विक्रम संवत : 2078 (गुजरात - 2077)
शक संवत : 1943
अयन : दक्षिणायन
ऋतु : वर्षा
मास : श्रावण (गुजरात एवं महाराष्ट्र अनुसार - आषाढ़)
पक्ष : शुक्ल पक्ष
तिथि - तृतीया शाम 04:53 तक तत्पश्चात चतुर्थी
नक्षत्र - पूर्वाफाल्गुनी सुबह 09:32 तक तत्पश्चात उत्तराफाल्गुनी
योग - शिव शाम 06:28 तक तत्पश्चात सिद्ध
राहुकाल - दोपहर 12:44 से दोपहर 02:21 तक
सूर्योदय - 06:17
सूर्यास्त - 19:10
दिशाशूल - उत्तर दिशा में
पंचक
22 अगस्त प्रात: 7.57 बजे से 26 अगस्त रात्रि 10.28 बजे तक
18 सितंबर दोपहर 3.26 बजे से 23 सितंबर प्रात: 6.45 बजे तक
व्रत और पर्व
एकादशी
18 अगस्त : श्रावण पुत्रदा एकादशी
03 सितंबर : अजा एकादशी
17 सितंबर : परिवर्तिनी एकादशी
प्रदोष
20 अगस्त : प्रदोष व्रत
04 सितंबर : शनि प्रदोष
18 सितंबर : शनि प्रदोष व्रत
पूर्णिमा
22 अगस्त : श्रावण पूर्णिमा
20 सितंबर : भाद्रपद पूर्णिमा
अमावस्या
07 सितंबर : भाद्रपद अमावस्या
व्रत पर्व विवरण - मधुश्रवा-ठकुरानी-हरियाली तृतीया
विशेष - तृतीया को परवल खाना शत्रुओं की वृद्धि करने वाला है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
चतुर्मास के दिनों में ताँबे व काँसे के पात्रों का उपयोग न करके अन्य धातुओं के पात्रों का उपयोग करना चाहिए।(स्कन्द पुराण)
चतुर्मास में पलाश के पत्तों की पत्तल पर भोजन करना पापनाशक है।
नागपंचमी
श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नागपंचमी का पर्व मनाया जाता है। इस बार ये पर्व 13 अगस्त, शुक्रवार को है। इस दिन नागों की पूजा करने का विधान है। हिंदू धर्म में नागों को भी देवता माना गया है।
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