दिनांक 10 अगस्त, मंगलवार
विक्रम संवत : 2078 (गुजरात - 2077)
शक संवत : 1943
अयन : दक्षिणायन
ऋतु : वर्षा
मास : श्रावण (गुजरात एवं महाराष्ट्र अनुसार - आषाढ़)
पक्ष : शुक्ल पक्ष
तिथि - द्वितीया शाम 06:05 तक तत्पश्चात तृतीया
नक्षत्र - मघा सुबह 09:53 तक तत्पश्चात पूर्वाफाल्गुनी
योग - परिघ रात्रि 08:30 तक तत्पश्चात शिव
राहुकाल - शाम 03:58 से शाम 05:35 तक
सूर्योदय - 06:16
सूर्यास्त - 19:10
दिशाशूल - उत्तर दिशा में
पंचक
22 अगस्त प्रात: 7.57 बजे से 26 अगस्त रात्रि 10.28 बजे तक
18 सितंबर दोपहर 3.26 बजे से 23 सितंबर प्रात: 6.45 बजे तक
व्रत और पर्व
एकादशी
18 अगस्त : श्रावण पुत्रदा एकादशी
03 सितंबर : अजा एकादशी
17 सितंबर : परिवर्तिनी एकादशी
प्रदोष
20 अगस्त : प्रदोष व्रत
04 सितंबर : शनि प्रदोष
18 सितंबर : शनि प्रदोष व्रत
पूर्णिमा
22 अगस्त : श्रावण पूर्णिमा
20 सितंबर : भाद्रपद पूर्णिमा
अमावस्या
07 सितंबर : भाद्रपद अमावस्या
व्रत पर्व विवरण -
विशेष -
द्वितीया को बृहती (छोटा बैंगन या कटेहरी) खाना निषिद्ध है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
चतुर्मास के दिनों में ताँबे व काँसे के पात्रों का उपयोग न करके अन्य धातुओं के पात्रों का उपयोग करना चाहिए।(स्कन्द पुराण)
चतुर्मास में पलाश के पत्तों की पत्तल पर भोजन करना पापनाशक है।
शिवपुराण
श्रावण (सावन) में शिव भक्त भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए अनेक उपाय करते हैं। कुछ ऐसे ही छोटे और अचूक उपायों के बारे शिवपुराण में भी लिखा है। ये उपाय इतने सरल हैं कि इन्हें आसानी से किया जा सकता है। सावन में ये उपाय विधि-विधान पूर्वक करने से भक्तों की हर इच्छा पूरी हो सकती है। ये उपाय इस प्रकार हैं-
शिवपुराण के अनुसार, भगवान शिव को प्रसन्न करने के उपाय इस प्रकार हैं-
1- भगवान शिव को चावल चढ़ाने से धन की प्राप्ति होती है।
2- तिल चढ़ाने से पापों का नाश हो जाता है।
3- जौ अर्पित करने से सुख में वृद्धि होती है।
4- गेहूं चढ़ाने से संतान वृद्धि होती है।
शिवपुराण के अनुसार, जानिए भगवान शिव को कौन-सा रस (द्रव्य) चढ़ाने से क्या फल मिलता है-
1-बुखार होने पर भगवान शिव को जल चढ़ाने से शीघ्र लाभ मिलता है। सुख व संतान की वृद्धि के लिए भी जल द्वारा शिव की पूजा उत्तम बताई गई है।
2-तेज दिमाग के लिए शक्कर मिला दूध भगवान शिव को चढ़ाएं।
3-शिवलिंग पर गन्ने का रस चढ़ाया जाए तो सभी आनंदों की प्राप्ति होती है।
4-शिव को गंगा जल चढ़ाने से भोग व मोक्ष दोनों की प्राप्ति होती है।
5-शहद से भगवान शिव का अभिषेक करने से टीबी रोग में आराम मिलता है।
6-यदि शारीरिक रूप से कमजोर कोई व्यक्ति भगवान शिव का अभिषेक गाय के शुद्ध घी से करे तो उसकी कमजोरी दूर हो सकती है।
शिवपुराण के अनुसार, जानिए भगवान शिव को कौन-सा फूल चढ़ाने से क्या फल मिलता है-
1- लाल व सफेद आंकड़े के फूल से भगवान शिव का पूजन करने पर मोक्ष की प्राप्ति होती है।
2- भगवान शिव की पूजा चमेली के फूल से करने पर वाहन सुख मिलता है।
3- अलसी के फूलों से शिव की पूजा करने पर मनुष्य भगवान विष्णु को प्रिय होता है।
4- शमी वृक्ष के पत्तों से पूजन करने पर मोक्ष प्राप्त होता है।
5- बेला के फूल से पूजा करने पर सुंदर व सुशील पत्नी मिलती है।
6- जूही के फूल से भगवान शिव की पूजा करें तो घर में कभी अन्न की कमी नहीं होती।
7- कनेर के फूलों से भगवान शिव की पूजा करने से नए वस्त्र मिलते हैं।
8- हरसिंगार के फूलों से पूजन करने पर सुख-सम्पत्ति में वृद्धि होती है।
9- धतूरे के फूल से पूजन करने पर भगवान शंकर सुयोग्य पुत्र प्रदान करते हैं, जो कुल का नाम रोशन करता है।
10- लाल डंठलवाला धतूरा शिव पूजा में शुभ माना गया है।
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