Prarabdh Today's Panchang : आज का पंचांग एवं व्रत-त्योहार (08 अगस्त 2021)

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दिनांक 08 अगस्त, रविवार

विक्रम संवत : 2078 (गुजरात - 2077)

शक संवत : 1943

अयन : दक्षिणायन

ऋतु : वर्षा

मास : श्रावण (गुजरात एवं महाराष्ट्र अनुसार - आषाढ़)

पक्ष : कृष्ण

तिथि : अमावस्या शाम 07:19 तक तत्पश्चात प्रतिपदा

नक्षत्र : पुष्य सुबह 09:19 तक तत्पश्चात अश्लेशा

योग : व्यतिपात रात्रि 11:39 तक तत्पश्चात वरीयान्

राहुकाल : शाम 05:36 बजे से शाम 07:14 बजे तक

सूर्योदय : सुबह 06:16 बजे

सूर्यास्त : संध्या 19:12 बजे

दिशाशूल : पश्चिम दिशा में

पंचक

22 अगस्त प्रात: 7.57 बजे से 26 अगस्त रात्रि 10.28 बजे तक

18 सितंबर दोपहर 3.26 बजे से 23 सितंबर प्रात: 6.45 बजे तक

व्रत और पर्व

एकादशी

18 अगस्त : श्रावण पुत्रदा एकादशी

03 सितंबर : अजा एकादशी

17 सितंबर : परिवर्तिनी एकादशी

प्रदोष

20 अगस्त : प्रदोष व्रत

04 सितंबर : शनि प्रदोष

18 सितंबर : शनि प्रदोष व्रत

पूर्णिमा

22 अगस्त : श्रावण पूर्णिमा

20 सितंबर : भाद्रपद पूर्णिमा

अमावस्या

8 अगस्त : श्रावण अमावस्या

07 सितंबर : भाद्रपद अमावस्या

व्रत पर्व विवरण 

दर्श अमावस्या, हरियाली अमावस्या, दिवासा-रात्रि जागरण
 
विशेष 

अमावस्या और रविवार के दिन ब्रह्मचर्य पालन करे तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)

              
नकारात्मक ऊर्जा मिटाने के लिए

08 अगस्त, रविवार को अमावस्या है। घर में हर अमावस अथवा हर 15 दिन में पानी में खड़ा नमक (1 लीटर पानी में 50 ग्राम खड़ा नमक) डालकर पोछा लगाएं। इससे निगेटिव एनर्जी चली जाएगी अथवा खड़ा नमक के स्थान पर गौझरण अर्क डाल सकते हैं।
     

स्कन्दपुराण‬ के प्रभास खंड के अनुसार

अमावास्यां नरो यस्तु परान्नमुपभुञ्जते।। 
तस्य मासकृतं पुण्क्मन्नदातुः प्रजायते।

जो व्यक्ति ‪अमावस्या‬ को दूसरे का अन्न खाता है उसका महिने भर का पुण्य उस अन्न के स्वामी/दाता को मिल जाता है।
        
समृद्धि बढ़ाने के लिए

कर्जा हो गया है तो अमावस्या के दूसरे दिन से पूनम तक रोज रात को चन्द्रमा को अर्घ्य दे, समृद्धि बढ़ेगी।

दीक्षा मे जो मन्त्र मिला है उसका खूब श्रध्दा से जप करना शुरू करें , जो भी समस्या है हल हो जाएगी।

अमावस्या

अमावस्या के दिन जो वृक्ष, लता आदि को काटता है अथवा उनका एक पत्ता भी तोड़ता है, उसे ब्रह्महत्या का पाप लगता है। (विष्णु पुराण)
         

धन-धान्य व सुख-संम्पदा के लिए

हर अमावस्या को घर में एक छोटा सा आहुति प्रयोग करें।

सामग्री 

1. काले तिल, 2. जौं, 3. चावल, 4. गाय का घी, 5. चंदन पाउडर, 6. गूगल, 7. गुड़, 8. देशी कर्पूर, गौ चंदन या कण्डा।

विधि

गौ चंदन या कण्डे को किसी बर्तन में डालकर हवनकुंड बना लें, फिर उपरोक्त 8 वस्तुओं के मिश्रण से तैयार सामग्री से, घर के सभी सदस्य एकत्रित होकर नीचे दिये गये देवताओं की १ 1-1 आहुति दें।

आहुति मंत्र

1. ॐ कुल देवताभ्यो नमः
2. ॐ ग्राम देवताभ्यो नमः
3. ॐ ग्रह देवताभ्यो नमः
4. ॐ लक्ष्मीपति देवताभ्यो नमः
5. ॐ विघ्नविनाशक देवताभ्यो नमः

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