जोड़ों में दर्द, जी मिचलाना, प्लेटलेट्स कम होना हो सकता है डेंगू का लक्षण
स्टेरॉइड्स, एंटीबायोटिक, दर्द निवारक दवाएं वायरल जनित बीमारियों में बेअसर
चिकनगुनिया, डेंगू व खूनी मलेरिया में अपनाएं होम्योपैथिक दवाएं
होम्योपैथी अपनाएं वायरल जनित बीमारियों से लड़ने की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाए
प्रारब्ध न्यूज ब्यूरो, कानपुर
आरोग्यधाम ग्वालटोली में बुधवार को जागरूकता गोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें आरोग्यधाम ग्वालटोली के वरिष्ठ होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ हेमंत मोहन एवं वरिष्ठ होम्योपैथिक स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर आरती मोहन ने जनता को संबोधित करते हुए कहा कि बरसात के मौसम में अस्पतालों में मरीजों की भीड़ बढ़ जाती है हर घर में कोई ना कोई सदस्य बीमारी से पीड़ित मिल जाते हैं।
बरसात के मौसम में कालरा, उल्टी दस्त, गैस्ट्रोएन्टराइटिस, फूड प्वाइजनिंग, बदहजमी के साथ-साथ मलेरिया, वायरल फीवर, डेंगू, चिकनगुनिया, कंजेक्टिवाइटिस, पीलिया, टाइफाइड , जापानी इंसेफेलाइटिस , फोड़े फुंसी एवं अन्य अनेक रोगों के होने की संभावना बढ़ जाती है लेकिन कुछ सावधानियां अपना कर बचा जा सकता है।
डॉ हेमंत मोहन ने बताया कि बरसात के मौसम में पानी के प्रदूषित होने की संभावना ज्यादा होती है । इस मौसम में बैक्टीरिया एवं वायरस भी तेजी के साथ पनपते हैं भोजन बहुत जल्दी प्रदूषित हो जाता है। प्रदूषित पानी एवं खाने-पीने की चीजों से कालरा, गैस्ट्रोएंट्राइटिस दस्त पेचिश आदि गंभीर रोग हो सकते हैं। इससे बचाव के लिए साफ पानी पिए, बासी भोजन खुले एवं कटे हुए फल, चाट पकौड़ी एवं भोजन आदि का प्रयोग ना करें, बाजार के पैक्ड खाने पीने वाली वस्तुओं से बचें, दस्त आदि होने पर तत्काल ओआरएस का घोल लेना प्रारंभ कर दें।
बरसात के मौसम में गंदगी एवं जलभराव के कारण मच्छर तेजी से पनपते हैं जिससे मलेरिया बुखार का खतरा बढ़ जाता है। मलेरिया बुखार से बचने के लिए आसपास की साफ-सफाई पर ध्यान दें, आसपास पानी इकट्ठा ना होने दें, जिससे मच्छर न पनप सके साथ ही मच्छरदानी लेकर सोना चाहिए।
डॉक्टर आरती मोहन ने बताया कि बरसात के मौसम में वायरल फीवर बहुत तेजी के साथ फैलता है । ये एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है इसलिए इससे बचने के लिए रोगी व्यक्ति से संपर्क नहीं रखना चाहिए। बरसात के मौसम में डेंगू फैलने की संभावना ज्यादा रहती है। डेंगू बुखार वायरल बुखार है जो मानसून के दौरान 'मादा एडीज एजिप्टी' नामक मच्छर द्वारा फैलता है। इसमें तेज बुखार, सिर दर्द, आंखों के पिछले हिस्से में दर्द, जी मिचलाना और उल्टी आना, जोड़ों और मांसपेशियों में ऐंठन और अकड़न, त्वचा पर चकत्ते उभरना, शारीरिक कमजोरी एवं थकान आदि के लक्षण होते हैं या लक्षण पाए जाने पर तत्काल चिकित्सक से सलाह लेनी चाहिए। इससे बचाव के लिए घर के गमलों को अच्छी तरह से साफ करें, घर में पानी जमा ना होने दें जिससे मच्छर न पनप सके, शरीर पर पूरे कपड़े पहने। इस मौसम में चिकनगुनिया बुखार* का प्रकोप देखा जा सकता है इसका वायरस भी एडीज मच्छर की एक प्रजाति द्वारा फैलता है। इसमें तेज बुखार, जोड़ों में अकड़न, दर्द यहां तक कि चलना फिरना भी मुश्किल हो जाता है यह दर्द काफी दिन तक रहता है। इसको लेकर डॉक्टर हेमंत मोहन का कहना है की बरसात के मौसम में बीमारियों का खतरा सबसे ज्यादा होता है, इसलिए बरसात के मौसम में सावधानी बरतना सबसे ज्यादा जरूरी है।
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