- नए महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा नौ साल तक उर्सला व डफरिन अस्पताल में दे चुके हैं सेवाएं
प्रारब्ध न्यूज़ ब्यूरो- कानपुर
स्वास्थ्य महकमे के नए मुखिया डा. वेदव्रत सिंह जीएसवीएम मेडिकल कालेज के पूर्व छात्र हैं। उन्होंने वर्ष 1977 में एमबीबीएस में दाखिला लिया और वर्ष 1982 में उत्तीर्ण हुए। उन्होंने जीएसवीएम से ही वर्ष 1985 में आर्थोपेडिक में पीजी भी की है। उनके महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं बनने के बाद से जीएसवीएम मेडिकल कालेज के प्राचार्य प्रो. संजय काला ने उन्हें बधाई दी है।
प्रादेशिक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा संवर्ग (पीएमएस) के डा. वेदव्रत सिंह को अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद ने महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं बनाने का जैसे ही आदेश जारी किया, जीएसवीएम मेडिकल कालेज के छात्र-छात्राओं ने खुशी का इजहार किया है। साथ ही उन्हें मेडिकल कालेज आने का निमंत्रण भी भेजा है। मूल रूप से मिर्जापुर के रहने वाले डा. वेदव्रत सिंह ने जल्द ही आने का आश्वास दिया है।
डा. सिंह के पिता भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) में टेक्नीकल असिस्टेंट पद पर कार्यरत रहे। इसलिए उनकी प्रारंभिक शिक्षा आइआइटी परिसर स्थित केंद्रीय विद्यालय व बीएनएसडी में हुई। सीपीएमटी में चयन होने पर जीएसवीएम मेडिकल कालेज में दाखिला लेकर एमबीबीएस और एमएस (आर्थो) किया। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग से पीएमएस में आ गए। कानपुर के उर्सला अस्पताल में वर्ष 2012 में तैनाती हुई। जून 2018 में डफरिन के प्रमुख अधीक्षक बने। 21 जून 2021 को पदोन्नति के बाद निदेशक चिकित्सा उपचार के पद पर लखनऊ भेज दिया गया। उनकी पत्नी डा. किरन सचान इस समय उर्सला अस्पताल की निदेशक हैं। डा. सिंह का शहर में ही घर भी है।
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