- महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा के अनुरोध पर शासन ने प्रदान की अनुमति
- जीएसवीएम के ट्रामा सेंटर के 45 जेआर और एपीजी को मिलेगा फायदा
राजकीय मेडिकल कालेजों, मेडिकल यूनिवर्सिटी एवं मेडिकल इंस्टीट्यूट के वैसे जूनियर रेजीडेंट (जेआर), नान पीजी रेजीडेंट (एनपीजी) और डिमास्ट्रेटर जिनकी सेवाएं समाप्त होने वाली थी, उनके लिए राहत भरी खबर है। कोरोना महामारी की तीसरी लहर को ध्यान में रखते हुए प्रदेश के राजकीय मेडिकल कालेज के जूनियर रेजीडेंट (जेआर), नान पीजी रेजीडेंट (एनपीजी) और डिमास्ट्रेटर जिनकी सेवाएं समाप्त हो रही थीं, उन्हें शासन ने उन्हें एक साल का सेवा विस्तार प्रदान कर दिया है।
कोरोना की तीसरी लहर सितंबर-अक्टूबर में आने की संभावना जताई जा रही है। ऐसे में कोरोना के मरीजों के इलाज के लिए डाक्टराें की जरूरत पड़ेगी। उनकी सेवाओं में किसी तरह का व्यवधान न उत्पन्न होने पाए। इसलिए महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा ने शासन को पत्र लिख कर जेआर, एनपीजी और डिमास्ट्रेटर की सेवाओं काे एक साल के लिए बढ़ाने का अनुरोध किया गया था, ताकि चिकित्सकी सेवाएं प्रभावित न होने पाएं। इसे ध्यान में रखते हुए शासन के अनुसचिव एसपी सिंह ने उनकी सेवाएं एक साल के लिए बढ़ाने का निर्णय लिया गया है।
मुख्य सचिव चिकित्सा शिक्षा आलोक कुमार ने बताया कि कोरोना महामारी को ध्यान में रखते हुए सेवा विस्तार करने का निर्णय लिया गया है। ताकि तीसरी लहर के दौरान मेडिकल कालेज के अस्पतालों में मरीजों के इलाज की व्यवस्था न प्रभावित होने पाए। इसका फायदा जीएसवीएम मेडिकल कालेज के ट्रामा सेंटर में कार्यरत 45 जेआर और एनपीजी को मिलेगा। साथ ही माइक्रोबायोलाजी और बायोकेमिस्ट्री विभाग में कार्यरत डिमास्ट्रेटर को भी मिलेगा।
if you have any doubt,pl let me know