Prarabdh Today's Panchang : आज का पंचांग एवं व्रत-त्योहार (14 जुलाई 2021)

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14 जुलाई 2021, बुद्धवार


विक्रम संवत : 2078 (गुजरात- 2077)



शक संवत : 1943



अयन : दक्षिणायन



ऋतु : वर्षा



मास : आषाढ़ (गुजरात एवं महाराष्ट्र अनुसार-ज्येष्ठ)



पक्ष - शुक्ल



तिथि - चतुर्थी सुबह 08:02 तक तत्पश्चात पंचमी



नक्षत्र - पूर्वाफाल्गुनी 15 जुलाई प्रातः 03:43 तक तत्पश्चात उत्तराफाल्गुनी



योग - व्यतिपात दोपहर 01:27 तक तत्पश्चात वरीयान्


राहुकाल - दोपहर 12:45 से दोपहर 02:24 तक


सूर्योदय : प्रात: 06:06 बजे



सूर्यास्त : संध्या 19:23 बजे



दिशाशूल - उत्तर दिशा में



व्रत पर्व विवरण - 


 विशेष - 


चतुर्थी को मूली खाने से धन का नाश होता है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
                        

पंचक

               

पंचक आरम्भ



जुलाई 25, रविवार रात 10:48 बजे



पंचक अंत



जुलाई 30, शुक्रवार दोपहर 02:03 बजे



एकादशी



20 जुलाई : देवशयनी, हरिशयनी एकादशी



प्रदोष



21 जुलाई : प्रदोष व्रत



पूर्णिमा



23 जुलाई : आषाढ़ पूर्णिमा व्रत



22 अगस्त : श्रावण पूर्णिमा



अमावस्या



हरियाली अमावस्या : 07 अगस्त 7:11 बजे से 08 अगस्त 7:20 बजे


बुखार दूर करने हेतु-


 चरक संहिता के चित्किसा स्थान में ज्वार ( बुखार) की चित्किसा का विस्तृत वर्णन करने के बाद अंत में आचार्य श्री चरकजी ने कहा है।

विष्णुं सहस्रमूर्धानं चराचरपतिं विभुम ||
स्तुवन्नामह्स्त्रेण ज्वरान सर्वानपोहति |

‘हजार मस्तकवाले, चर-अचर  के स्वामी, व्यापक भगवान की सहस्त्रनाम से स्तुति करने से अर्थात विष्णुसहस्रनाम का पाठ करने से सब प्रकार के ज्वर छूट जाते हैं |’

(पाठ रुग्ण स्वयं अथवा उसके कुटुम्बी करे )


जानिये दीपक जलाने की सही विधि, पाईए शुभ लाभ-


दीपक की बत्ती या लौ पूर्व दिशा की ओर रखने से आयुवृद्धि, पश्चिम की ओर दुःखवृद्धि, दक्षिण की ओर हानि और उत्तर की ओर रखने से धन-लाभ होता है | लौ दीपक के मध्य में रखना शुभ फलदायी है |


इसी प्रकार दीपक के चारों ओर लौ प्रज्वलित करना भी शुभ है किंतु यदि लौ की संख्या सम ( २,४,६ ....) हो तो ऊर्जा-वहन की क्रिया रुक जाती है | लौ की संख्या विषम (१,३,५ ....) रखना लाभदायक है |

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