विक्रम संवत : 2078 (गुजरात- 2077)
शक संवत : 1943
अयन : दक्षिणायन
ऋतु : वर्षा
मास : आषाढ़ (गुजरात एवं महाराष्ट्र अनुसार-ज्येष्ठ)
पक्ष : कृष्ण
तिथि - एकादशी रात्रि 10:30 तक तत्पश्चात द्वादशी
नक्षत्र - भरणी दोपहर 12:12 तक तत्पश्चात कृत्तिका
योग - धृति दोपहर 01:30 तक तत्पश्चात शूल
राहुकाल - सुबह 07:42 से सुबह 09:23 तक
सूर्योदय : प्रात: 06:03 बजे
सूर्यास्त : संध्या 19:23 बजे
दिशाशूल - पूर्व दिशा में
व्रत पर्व विवरण -
योगिनी एकादशी
पंचक
पंचक आरम्भ
जुलाई 25, रविवार रात 10:48 बजे
पंचक अंत
जुलाई 30, शुक्रवार दोपहर 02:03 बजे
एकादशी
5 जुलाई : योगिनी एकादशी
20 जुलाई : देवशयनी, हरिशयनी एकादशी
प्रदोष
07 जुलाई : प्रदोष व्रत
21 जुलाई : प्रदोष व्रत
पूर्णिमा
23 जुलाई : आषाढ़ पूर्णिमा व्रत
22 अगस्त : श्रावण पूर्णिमा
अमावस्या
अमावस्या तिथि : 09 जुलाई, सुबह 5:16 बजे से 10 जुलाई, 6:46 बजे
हरियाली अमावस्या : 07 अगस्त 7:11 बजे से 08 अगस्त 7:20 बजे
विशेष -
हर एकादशी को श्री विष्णु सहस्रनाम का पाठ करने से घर में सुख शांति बनी रहती है l राम रामेति रामेति । रमे रामे मनोरमे ।। सहस्त्र नाम त तुल्यं । राम नाम वरानने ।।
आज एकादशी के दिन इस मंत्र के पाठ से विष्णु सहस्रनाम के जप के समान पुण्य प्राप्त होता है l
एकादशी के दिन बाल नहीं कटवाने चाहिए।
एकादशी को चावल व साबूदाना खाना वर्जित है | एकादशी को शिम्बी (सेम) ना खाएं अन्यथा पुत्र का नाश होता है।
जो दोनों पक्षों की एकादशियों को आँवले के रस का प्रयोग कर स्नान करते हैं, उनके पाप नष्ट हो जाते हैं।
योगिनी एकादशी-
04 जुलाई 2021 रविवार को शाम 07:56 से 05 जुलाई, सोमवार को रात्रि 10:30 तक एकादशी है ।
विशेष - 05
जुलाई, सोमवार को एकादशी का व्रत (उपवास) रखें ।
योगिनी एकादशी (महापापों को शांत कर महान पुण्य देनेवाला तथा 88000 ब्राह्मणों को भोजन कराने का फल देनेवाला व्रत)
वास्तु शास्त्र-
घड़ी
खराब घड़ी घर में नहीं रखना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि घड़ियों की स्थिति से हमारे घर-परिवार की उन्नति निर्धारित होती है। यदि घड़ी सही नहीं होगी परिवार के सदस्य कार्य पूर्ण करने में बाधाओं का सामना करेंगे और काम निश्चित समय में पूर्ण नहीं हो पाएगा।
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