LUCKNOW Breaking Demolition of Former MP Dawood Ahmed's Apartment Near The Residency : रेजीडेंसी के पास बन रहे पूर्व सांसद दाऊद अहमद का ढाहया जा रहा अपार्टमेंट

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  • कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद पुरातत्व विभाग ने डीएम को दिए थे अपार्टमेंट गिराने को निर्देश
  • पूर्व सांसद ने नहीं ली थी पुरातत्व विभाग से एनओसी, आदेश के बाद शुरू ध्वस्तीकरण



प्रारब्ध न्यूज ब्यूरो, लखनऊ


भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) की ओर से संरक्षित स्मारक ऐतिहासिक इमारत रेजीडेंसी के पास अपार्टमेंट का निर्माण कराना पूर्व सासंद दाऊद अहमद को भारी पड़ गया। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) न लेने के कारण पूर्व सांसद दाऊद अहमद व सिम्मी बानो के पांच मंजिला अपार्टमेंट को जिला प्रशासन और लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) ने ध्वस्त कर दिया है।



पूर्व सांसद ने अपने रसूख के बल पर एलडीए से वर्ष 2017 में बिना एएसआइ से एनओसी लिए नवी उल्लाह रोड स्थित वजीरगंज में अपार्टमेंट का निर्माण कराना शुरू कर दिया था। एएसआई ने विरोध जताते हुए रेजीडेंसी स्मारक (पुरातत्व विभाग) से निर्माण की दूरी महज 123 मीटर है, जो नियमानुसार गलत करार दिया था। इसके आधार पर निर्माण रुकवा दिया था।



इस पर हरदोई के शाहाबाद से सांसद और लखीमपुर से विधायक रहे दाऊद अहमद ने एएसआई और एडीए को पार्टी बनाते हुए न्यायालय का दरवाजा खट्खटाया था। हालांकि न्यायालय ने उनकी याचिका खारिज कर दी थी। याचिका खारिज होते ही तीन जुलाई को एएसआइ ने केंद्र सरकार, प्राचीन संस्मारक तथा पुरातत्वीय स्थल और अवशेष नियम, 1959 के नियम 38 के उपनियम (2) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए जिला मजिस्ट्रेट को अवैध निर्माण को आदेश प्राप्त होने के 15 दिनों के भीतर हटाने के आदेश दिया था। यह आदेश संयुक्त महानिदेशक, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की अोर से जारी किया गया था।


जिला प्रशासन ने तीन जुलाई को भेजे पत्र को संज्ञान लेते हुए जिलाधिकारी एवं एडीए उपाध्यक्ष अभिषेक प्रकाश के आदेश पर रविवार सुबह एडीएम विश्व भूषण मिश्रा के नेतृत्व अवैध निर्माण गिराने जिला प्रशासन, लखनऊ विकास प्राधिकरण के अधिकारी और स्थानीय पुलिस के साथ निर्माण को जमींदोज करने पहुंच गए। इससे पहले एडीए के सचिव पवन कुमार गंगवार ने मौके का जायजा भी लिया।


बाहर से बुलाए गए विशेषज्ञ


प्रयागराज विकास प्राधिकरण से बिल्डिंग गिराने के विशेषज्ञ जेएस पांडेय को बुलाया गया। पांडेय को प्रयागराज में कई अवैध बिल्डिंग गिराने का अनुभव है। पांडेय ने तकनीकी तरीकों से अवैध इमारत को गिराने का कार्य शुरू कराया। छह जेसीबी, तीन पुकलैंड और 50 मजदूरों की मदद से बिल्डिंग गिराने में मदद ली।


अभियंताओं की मिलीभगत से अवैध निर्माण


लखनऊ विकास प्राधिकरण के अभियंताओं की मिलीभगत से अवैध निर्माण कराया गया है। जब मामला डीएम के संज्ञान में आया तो नक्शा अनुभाग एवं प्रवर्तन दल के अभियंता सक्रिय हुए। बिना नक्शे के बना पांचवां तल गिराया गया। उपाध्यक्ष व पूर्व सांसद के बीच पत्राचार भी किया गया। संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर नक्शा निरस्त करते हुए ध्वस्तीकरण का आदेश जारी किया गया।

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