- गैस सिलिंडर एवं वाहनों श्रद्धांजलि देकर जताया मूल्यवृद्धि का विरोध
देश में महंगाई बेतहाशा बढ़ रही है। केंद्र से लेकर राज्य सरकारें मरहम लगाने के बजाए टैक्स-दर-टैक्स बढ़ाती जा रही हैं, जिससे आमजन बेहाल है। खासकर पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस के दामों में तो आग ही लग गई है, जो लगातार बढ़ती जा रही है। इसी को लेकर शनिवार को रसोई गैस की मूल्यवृद्धि से नाराज समाजवादी व्यापार सभा के पदाधिकारियों ने सिलिंडर चौराहे पर गैस सिलिंडर व वाहन को फूलमाला और अगरबत्ती दिखाकर श्रद्धांजलि देकर मातम सत्याग्रह की शुरूआत की है।
समाजवादी व्यापार सभा के प्रदेश महासचिव अभिमन्यु गुप्ता की अगुवाई में सिलिंडर चौराहे पर बनी सिलिंडर की प्रतिमा के नीचे एकत्रित पार्टी पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं ने कहा कि रसोई गैस व पेट्रोल-डीजल के दाम दिनोंदिन बढ़ते जा रहे हैं। अब तो पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस के दाम इतने बढ़ गए हैं कि इन्हें मृत व्यक्ति की तरह ही भूलने का ही विकल्प बचा है। इसलिए श्रद्धाजंलि देकर और मातम मनाकर संवेदनहीन भाजपा सरकार को जगाने का प्रयास किया जा रहा है, ताकि आमजन को राहत मिल सके।
प्रदेश महासचिव अभिमन्यु गुप्ता ने कहा कि भाजपा सरकार जब विपक्ष में थी तो पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस की मूल्यवृद्धि को मुद्दा बनाती थी। सत्ता में काबिज होने के बाद भाजपा को जनता का दुख-दर्द याद ही नहीं रहा। सत्ता सुख में सब कुछ भूल चुकी है। ऐसा लगता है कि सरकार को सांप सूंघ गया है। भाजपा के राज में महंगाई विकराल रूप धारण कर चुकी है।
उन्होंने कहा कि पेट्रोल-डीजल के मंहगे होने से दैनिक उपभोग की वस्तुएं भी मंहगी होती जा रही हैं। व्यापार और परिवहन के दामों में वृद्धि से नुकसान हो रहा है। पेट्रोल-डीजल की दर पिछले छह महीने में 40 फीसद बढ़ी है। माल भाड़े में 25 फीसद तक बढ़ोत्तरी हुई है। माल भाड़ा बढ़ने से सब्जी-फल व अन्य सभी जरूरी वस्तुओं के दाम भी बढ़ गए हैं।
अभिमन्यु ने कहा की पेट्रोल-डीजल के बढ़े दामों से परिवहन के भाड़े में उछाल आया है। रसोई गैस के दामों में वृद्धि कर दी गई है। सब्सिडी वाला गैस सिलिंडर 25 से 50 रुपये महंगा हो गया है। कामर्शियल सिलिंडर 84 रुपये महंगा हो गया है। आरटीआई से मिली सूचना के अनुसार पेट्रोलियम उत्पादों से भारत सरकार को 4.51 लाख करोड़ रुपये का फायदा हुआ है। तेल उत्पादक कम्पनियों से जमकर कमाई की। इसके बावजूद व्यापारी व जनता पिस रही है। इस दौरान अभिमन्यु गुप्ता, जितेंद्र जायसवाल, आज़ाद खान, मनोज चौरसिया, विनय कुमार, बॉबी सिंह, दीपू श्रीवास्तव, अजय शुक्ला, शेषनाथ यादव समेत बड़ी संख्या में कार्यकर्ता मौजूद रहे।
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