सिंधी भाषा एवं संस्कृति को बढ़ावा देने में मददगार होगा बाल संस्कार शिविर

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प्रारब्ध न्यूज़ ब्यूरो, लखनऊ

भारतीय सिंधु सभा के ऑनलाइन बाल संस्कार शिविर के समापन समारोह में रविवार बच्चों को सिंधी भाषा व संस्कृति से अवगत कराते हुए राष्ट्रीय प्रभारी मनीषा रोहिणी ने संकल्प लिया कि सिंधी समाज के बच्चों की प्रतिभा निखार कर उन्हें संस्कारवान बनाया जाएगा। इसके लिए उनकी बहुमुखी प्रतिभा को निखारने के साथ-साथ अध्यात्म से भी जोड़ा जाएगा, जिससे वह सिंधी सभ्यता और संस्कृति से रूबरू होने के साथ आगे चलकर हुनरमंद बन सकें। माता-पिता के साथ-साथ समाज का भी नाम भी रोशन कर सकें। 



ऑनलाइन प्लेटफार्म पर आयोजित 
समापन समारोह कार्यक्रम की मुख्य अतिथि भारतीय सिंधु सभा की राष्ट्रीय प्रभारी मनीषा रोहिणी ने कहा कि समाज के बच्चों को शिक्षित, संस्कारवान एवं हुनरमंद बनाने के लिए ऑनलाइन संस्कार शिविर जैसे आयोजन बराबर होते रहने चाहिए।


मनीषा ने बच्चों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि वे समय की कद्र करें और उसका सदुपयोग करें। अपने बुजुर्गों के अनुभवों से सीखे की समय का कैसे सदुपयोग करना है। साथ ही सिंधी भाषा, संस्कृति एवं सभ्यता को बढ़ाने और उसकी उन्नति के लिए उपाय करने चाहिए। आपस में भाईचारा, मेल मिलाप बढ़ाने के लिए सतत् प्रयत्नशील रहें।



सभा के उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष नरेश जोटवानी ने महिला इकाई द्वारा बच्चों के लिए ऐसे कार्यक्रम का आयोजन करने के लिए भूरि-भूरि प्रशंसा की। ऐसे प्रयास बच्चों को समाज के संस्कार से अवगत कराते हैं। साथ ही समाज के प्रति अपने उत्तरदायित्वों का भी बोध कराते हैं।



समापन समारोह के शुभारंभ पर झांसी की दीपा छाबड़ा ने गायत्री मंत्र का पाठ किया। बच्चों को भी शुद्ध पाठ करने के लिए प्रेरित किया। ऐसे में सभी सदस्यों ने बच्चों के साथ मिलकर गायत्री मंत्रोच्चार किया। उसके उपरांत आगरा की ललिता करमचंदानी ने भारतीय सिंधु सभा का संगठन गीत का गायन किया। इस गीत के माध्यम से सिंधी समाज की सभ्यता एवं संस्कृति से बच्चों को अवगत कराया गया। संगठन गायन की सुमधुर प्रस्तुति के दौरान बच्चों से लेकर उनके माता-पिता और अभिभावक भाव विभोर होकर उसका श्रवण किया।


सिंधी भाषा व संस्कृति से लेकर आर्ट-क्राॅफ्ट की क्लासेज

समाज के बच्चों को सिंधी भाषा व संस्कृति की महत्ता एवं जानकारी के लिए ऑनलाइन क्लासेज का प्रावधान किया गया। बच्चों को सिंधी भाषा की जानकारी के लिए शिक्षिका शालिनी राजपाल ने रोजाना आधा घंटे क्लास ली, जिसमें उन्हें बहुत कुछ सिखाया गया। इसी क्रम में वंदना मध्यान ने बच्चों को आर्ट और क्राफ्ट से लेकर हस्तशिल्प कला की विस्कृत जानकारी भी दी।


बच्चों के खानपान में पौष्टिकता के टिप्स



ऑनलाइन कार्यक्रम में सिद्धार्थ केसरवानी द्वारा बच्चों के पौष्टिक आहार एवं खानपान का विशेष ध्यान रखने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए खानपान में पौष्टिकता का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। उनके भोजन में कौन-कौन से चीजें शामिल की जाए, ताकि उनका शरीर स्वस्थ बना रहे। किसी प्रकार की बीमारियों की चपेट में न आने पाए।

संचालन हेमा गंगवानी ने किया। सिधु सभा की प्रदेश महासचिव निशा कुंदवानी ने अतिथियों का स्वागत किया। साथ ही शिक्षकों, बच्चों एवं उनके माता-पिता के प्रति आभार जताया, उनके सहयोग से बाल संस्कार शिविर सफल रहा। मनीष रोहिनी ने बच्चों को संबोधित किया। उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया।

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