भारतीय सिंधु सभा के ऑनलाइन बाल संस्कार शिविर के समापन समारोह में रविवार बच्चों को सिंधी भाषा व संस्कृति से अवगत कराते हुए राष्ट्रीय प्रभारी मनीषा रोहिणी ने संकल्प लिया कि सिंधी समाज के बच्चों की प्रतिभा निखार कर उन्हें संस्कारवान बनाया जाएगा। इसके लिए उनकी बहुमुखी प्रतिभा को निखारने के साथ-साथ अध्यात्म से भी जोड़ा जाएगा, जिससे वह सिंधी सभ्यता और संस्कृति से रूबरू होने के साथ आगे चलकर हुनरमंद बन सकें। माता-पिता के साथ-साथ समाज का भी नाम भी रोशन कर सकें।
मनीषा ने बच्चों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि वे समय की कद्र करें और उसका सदुपयोग करें। अपने बुजुर्गों के अनुभवों से सीखे की समय का कैसे सदुपयोग करना है। साथ ही सिंधी भाषा, संस्कृति एवं सभ्यता को बढ़ाने और उसकी उन्नति के लिए उपाय करने चाहिए। आपस में भाईचारा, मेल मिलाप बढ़ाने के लिए सतत् प्रयत्नशील रहें।
सिंधी भाषा व संस्कृति से लेकर आर्ट-क्राॅफ्ट की क्लासेज
समाज के बच्चों को सिंधी भाषा व संस्कृति की महत्ता एवं जानकारी के लिए ऑनलाइन क्लासेज का प्रावधान किया गया। बच्चों को सिंधी भाषा की जानकारी के लिए शिक्षिका शालिनी राजपाल ने रोजाना आधा घंटे क्लास ली, जिसमें उन्हें बहुत कुछ सिखाया गया। इसी क्रम में वंदना मध्यान ने बच्चों को आर्ट और क्राफ्ट से लेकर हस्तशिल्प कला की विस्कृत जानकारी भी दी।
बच्चों के खानपान में पौष्टिकता के टिप्स
संचालन हेमा गंगवानी ने किया। सिधु सभा की प्रदेश महासचिव निशा कुंदवानी ने अतिथियों का स्वागत किया। साथ ही शिक्षकों, बच्चों एवं उनके माता-पिता के प्रति आभार जताया, उनके सहयोग से बाल संस्कार शिविर सफल रहा। मनीष रोहिनी ने बच्चों को संबोधित किया। उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया।
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