- प्रदेश की राजधानी समेत प्रदेश के सभी जिलों की तहसीलें पर समाजवादी पार्टी का विरोध प्रदर्शन
प्रारब्ध न्यूज ब्यूरो, लखनऊ
उत्तर प्रदेश में हाल में हुए क्षेत्र पंचायत एवं जिला पंचायत अध्यक्षों के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार द्वारा की गई धांधली और लोकतंत्र की हत्या के विरोध में राजधानी समेत प्रदेश के सभी जिलों की तहसीलें पर गुरुवार को जोरदार विरोध प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शन के उपरांत समाजवादी पार्टी (सपा) ने राष्ट्रपति को संबोधित 16 सूत्री मांग पत्र जिला इकाइयों के प्रमुखों के माध्यम से जिला प्रशासन को सौंपा। राज्य भर में हुए प्रदर्शन में लाखों कार्यकर्ता और समर्थक शामिल हुए।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों में समाजवादी पार्टी के सदस्य भाजपा से ज्यादा विजयी हुए थे। उसके बावजूद भाजपा ने छल-बल और प्रलोभन के अलावा सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग करते हुए अध्यक्ष पदों पर कब्जा जमा लिया। उनका आरोप है कि भाजपा ने विपक्ष के प्रत्याशियों और समर्थकों का हर तरह से उत्पीड़न किया। भाजपा ने जनादेश की अवमानना करते हुए लोकतंत्र की हत्या की है, जिसकी वजह से पूरे प्रदेश की जनता में नाराजगी है। ऐसे में राष्ट्रपति को भेजे ज्ञापन में भाजपा सरकार की नाकामियों और कारगुज़ारियों उल्लेख करते हुए उन्हें अवगत कराया गया है।
यह हैं प्रमुख मांगें
1. किसानों को उनकी फसलों का लाभकारी मूल्य दिया जाए एवं न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी दी जाए।
2. प्रदेश में किसानों का गन्ने का बकाया भुगतान लगभग 15 हजार करोड़ रुपये तत्काल दिए जाएं।
3. किसानों के ऊपर जो काला कृषि कानून थोपा जा रहा है उसे तत्काल वापस लिया जाए।
4. बढ़ती मंहगाई (डीजल-पेट्रोल, रसोईं गैस, खाद, बीज, कीट नाशक दवाएं, कृषि यंत्र इत्यादि) पर रोक लगाई जाए।
5. बेरोजगार नौजवानों को रोजगार दिया जाए।
6. उत्तर प्रदेश में ध्वस्त कानून व्यवस्था को दुरूस्त किया जाए।
7. महिलाओं के साथ हो रहे अपराध पर रोक लगाई जाए।
8. समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं सांसद मोहम्मद आजम खां, उनके परिवार, पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं का उत्पीड़न बन्द हो। उनके ऊपर फर्जी मुकदमें दर्ज करना तत्काल बंद किया जाए।
9. उत्तर प्रदेश भाजपा सरकार द्वारा किए जा रहे संगठित अपराध को अविलम्ब बंद किया जाए।
10. उत्तर प्रदेश की बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था को तत्काल दुरुस्त किया किया जाए।
11. बढ़ते भ्रष्टाचार पर रोक लगाई जाए।
12. कोरोना काल में सरकार द्वारा किए गए भ्रष्टाचार की जांच कराई जाए और मृतकों के परिजनों को मुआवजा दिया जाए।
13. जिला पंचायत व क्षेत्र पंचायत अध्यक्षों के चुनाव में हुई धांधली एवं हिंसा की जांच कराई जाए। जांच में पाए गए दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्यवाई की जाए और पुनः मतदान कराया जाए।
14. पत्रकारों के ऊपर लगातार हो रहे हमले और हत्याओं पर रोक लगाई जाए।
15. दलित वर्ग तथा अल्पसंख्यक वर्ग पर हो रहे अत्याचार बन्द हों।
16. पिछड़े वर्ग को अनुमन्य 27 प्रतिशत आरक्षण में कटौती बन्द हो।
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