- महानगर समाजवादी पार्टी कार्यालय में मनाई गई अहिल्याबाई होल्कर की 396वीं जयंती
मराठा साम्राज्य की महारानी राजमाता अहिल्याबाई होल्कर नारी शक्ति, साहस और वीरता की मिसाल थीं। उनकी नजर में सभी धर्म एक समान थे। अहिल्याबाई दार्शनिक रानी के रूप में भी इतिहास में दर्ज हैं। यह बातें समाजवादी पार्टी (सपा) के तत्वावधान में कानपुर महानगर इकाई की ओर से भारतीय इतिहास की प्रसिद्ध राजमाता अहिल्याबाई होल्कर की 396वीं जयंती के अवसर पर सपा महानगर जिलाध्यक्ष डॉ. इमरान ने कहीं। सपा के नवीन मार्केट स्थित कार्यालय में उनकी जयंती पर अहिल्याबाई होल्कर के चित्र पर माल्यार्पण किया और विचार गोष्ठी भी आयोजित की गई। उन्होंने उन्होंने कहा कि सर्वप्रथम मराठा साम्राज्य की महारानी अहिल्याबाई होल्कर थीं, उनके जीवन पर भी प्रकाश डालते हुए उनकी कृीति एवं व्यक्तित्व की भी चर्चा की। उन्हाेंने बताया कि महारानी राजमाता अहिल्याबाई होल्कर का जन्म 31 मई 1725 को महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले के चौंडी गांव में हुआ था। अहिल्याबाई बचपन से ही सहासी और वीर थीं। उन्हें दूसरों के दु:ख-दर्द अपने जैसे लगते थे। इसलिए उनके लिए कुछ करने का हर संभव प्रयास करती थीं। मराठवाड़ा के बाजराव पेशवा के प्रसिद्ध सूबेदार मल्हार राव होल्कर के पुत्र खंडेराव की धर्मपत्नी थीं। उनका विवाह महज 10 वर्ष की आयु में हो गया था। वह 29 वर्ष की आयु में विधवा हो गईं थीं। उनके पुत्र मालेगांव का देहांत भी महज 43 वर्ष की आयु में हो गया था। उतार-चढ़ाव भरे जीवन के बावजूद अहिल्याबाई अपने पथ से कभी डिगी नहींं। उन्हें मराठा सम्राज्य की कुशल महारानी एवं राजमाता के रूप में याद किया जाता है। अहिल्याबाई होल्कर ने अपने राज्य की राजधानी को महेश्वर बनाया। उन्होंने विपरीत परिस्थितियों के बावजूद 30 वर्षों तक शासन किया। वह 13 अगस्त 1795 तक मराठा समाज्य की महारानी रहीं। उन्होंने जनता के दुख-दर्द दूर करने का हर संभव प्रयास किया। महिलाओं को शिक्षा ग्रहण करने का अधिकार दिलाने में भी उनका अहम योगदान रहा है। अहिल्याबाई ने अपने राज्य की सीमाओं के बाहर संपूर्ण भारत के प्रसिद्ध तीर्थों और स्थानों पर मंदिर और घाटों का निर्माण कराया। प्याऊ एवं धर्मशालाओं का निर्माण कराया। भूखों, बेसहारा एवं जरूरतमंदों खाने का भी बंदोबस्त कराया। मंदिरों में विद्वानों के लिए नियुक्ति शास्त्रों के मनन-चिंतन और प्रवचन की व्यवस्था कराईं। इसलिए अहिल्याबाई होल्कर को दार्शनिक महारानी के रूप में भी जाना जाता है। विचार गोष्ठी की अध्यक्षता डॉ. इमरान ने ही की, जबकि संचालन नगर उपाध्यक्ष अजय यादव अज्जू ने किया। इस दौरान सुनील शुक्ला, सुभाष द्विवेदी, वरिष्ठ सचिव टिल्लू जायसवाल, उदय द्विवेदी, राजू पहलवान, अक्षत श्रीवास्तव, अजय श्रीवास्तव, शानू समजावादी, यूनुस बदरे, अमित मिश्रा, सचिन यादव, शुभम यादव, सनी निगम, कुणाल जायसवाल, मोहम्मद नसीम, अनुराग मिश्रा पप्पू साहू, प्रीमत सिंह बक्शी, आरके भारती समेत बड़ी संख्या में कार्यकर्ता मौजूद रहे। |
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