विक्रम संवत : 2078 (गुजरात - 2077)
शक संवत : 1943
अयन : उत्तरायण
ऋतु : ग्रीष्म
मास : ज्येष्ठ
पक्ष : कृष्ण
तिथि - एकादशी सुबह 06:19 तक तत्पश्चात द्वादशी
नक्षत्र - अश्विनी 07 जून रात्रि 02:28 तत्पश्चात भरणी
योग - शोभन 07 जून प्रातः 04:36 तक तत्पश्चात अतिगण्ड
राहुकाल - शाम 05:38 से शाम 07:19 तक
दिशाशूल - पश्चिम दिशा में
सूर्योदय : प्रातः 05:57 बजे
सूर्यास्त : संध्या 19:17 बजे
व्रत पर्व विवरण -
अपरा--जलक्रीड़ा-भद्रकाली एकादशी
विशेष -
हर एकादशी को श्री विष्णु सहस्रनाम का पाठ करने से घर में सुख शांति बनी रहती है l राम रामेति रामेति । रमे रामे मनोरमे ।। सहस्त्र नाम त तुल्यं । राम नाम वरानने ।
आज एकादशी के दिन इस मंत्र के पाठ से विष्णु सहस्रनाम के जप के समान पुण्य प्राप्त होता है l
एकादशी के दिन बाल नहीं कटवाने चाहिए।
एकादशी को चावल व साबूदाना खाना वर्जित है | एकादशी को शिम्बी (सेम) ना खाएं अन्यथा पुत्र का नाश होता है।
जो दोनों पक्षों की एकादशियों को आँवले के रस का प्रयोग कर स्नान करते हैं, उनके पाप नष्ट हो जाते हैं।
पंचक
28 जून प्रात: 12.57 बजे से 3 जुलाई प्रात: 6.15 बजे तक
व्रत-त्योहार
एकादशी
06 जून, रविवार : अपरा एकादशी
21 जून, सोमवार : निर्जला एकादशी
प्रदोष
07 जून, सोमवार : सोम प्रदोष व्रत
22 जून, मंगलवार : भौम प्रदोष
अमावस्या
10 जून, बृहस्पतिवार : ज्येष्ठ अमावस्या
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