Prarabdh Dharm-Aadhyatm : आज का पंचांग एवं व्रत-त्योहार (22 जून, 2021)

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दिनांक : 22 जून 2021, दिन : मंगलवार

विक्रम संवत : 2078 (गुजरात - 2077)


शक संवत : 1943


अयन : दक्षिणायन


ऋतु - वर्षा


मास : ज्येष्ठ 


पक्ष - शुक्ल


तिथि - द्वादशी सुबह 10:22 तक तत्पश्चात त्रयोदशी


नक्षत्र - विशाखा दोपहर 02:23 तक तत्पश्चात अनुराधा


योग - सिद्ध दोपहर 01:52 तक तत्पश्चात साध्य


राहुकाल - शाम 04:02 से शाम 05:43 तक


दिशाशूल - उत्तर दिशा में


सूर्योदय : प्रातः 05:59 बजे


सूर्यास्त : संध्या 19:22 बजे


व्रत पर्व विवरण - 

भौमप्रदोष व्रत

विशेष - 

द्वादशी को पूतिका(पोई) अथवा त्रयोदशी को बैंगन खाना मना होता है (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)


पंचक

28 जून प्रात: 12.57 बजे से 3 जुलाई प्रात: 6.15 बजे तक


25, जुलाई, रविवार को रात्रि 10.48 बजे से 30 जुलाई दोपहर अंत 2.03 बजे तक

एकादशी


21 जून, सोमवार : निर्जला एकादशी

 
5 जुलाई,सोमवार: योगिनी एकादशी

20 जुलाई- देवशयनी, हरिशयनी एकादशी

प्रदोष


22 जून, मंगलवार : भौम प्रदोष


07 जुलाई,बुद्धवार: प्रदोष व्रत

21 जुलाई,बुद्धवार: प्रदोष व्रत

अमावस्या

 09 जुलाई, सुबह 5.16 बजे से 10 जुलाई, 6.46 बजे तक

07 अगस्त 7.11 बजे से 08 अगस्त 7.20 बजे तक

पूर्णिमा

 24 जून, गुरूवार ज्येष्ठ पूर्णिमा

 23 जुलाई , शुक्रवार आषाढ़ पूर्णिमा व्रत

 22 अगस्त, रविवार- श्रावण पूर्णिमा


निर्जला एकादशी

20 जून 2021 रविवार को शाम 04:22 से 21 जून, सोमवार को दोपहर 01:31तक एकादशी है। 


मंगल एवं बुधवार को क़र्ज़ का लेनदेन न करें। शास्त्रों में ऐसा कहा जाता है कि मंगलवार को कभी क़र्ज़ नहीं लेना चाहिए। इस दिन क़र्ज़ लेने वाला व्यक्ति हमेशा क़र्ज़ के बोझ तले दबा रहता है। वहीं बुधवार के दिन कभी उधार नहीं देना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि इस दिन दी गई उधारी के वापस आने के योग कम होते हैं।

11 लौंग, 11 साबुत नमक की डली को नीले कपड़े में बांध दें और उस व्यक्ति का ध्यान करते हुए रात्रि 10 बजे के आस-पास किसी चौराहे पर जाकर चुपचाप इसे रख कर आ जाए। ऐसा करने से दिया हुआ धन वापिस मिलने लगेगा। यह फंसा हुआ धन प्राप्ति का सरल उपाय है।

आर्थिक परेशानी या कर्जा हो तो

22 जून 2021 मंगलवार को भौम प्रदोष योग है ।

किसी को आर्थिक परेशानी या कर्जा हो तो भौम प्रदोष योग हो, उस दिन शाम को सूर्य अस्त के समय घर के आसपास कोई शिवजी का मंदिर हो तो जाए और ५ बत्ती वाला दीपक जलाये और थोड़ी देर जप करें । ये मंत्र बोले -

                 ॐ भौमाय नमः
                 ॐ मंगलाय नमः
                 ॐ भुजाय नमः
                 ॐ रुन्ह्र्ताय नमः
                 ॐ भूमिपुत्राय नमः
                 ॐ अंगारकाय नमः

 हर मंगलवार को ये मंगल की स्तुति करें-

धरणी गर्भ संभूतं विद्युत् कांति समप्रभम |
कुमारं शक्ति हस्तं तं मंगलम प्रणमाम्यहम ||


 कर्ज-निवारक कुंजी भौम प्रदोष व्रत-

त्रयोदशी को मंगलवार  उसे भौम प्रदोष कहते हैं इस दिन नमक, मिर्च नहीं खाना चाहिये, इससे जल्दी फायदा होता है | मंगलदेव ऋणहर्ता देव हैं। इस दिन संध्या के समय यदि भगवान भोलेनाथ का पूजन करें तो भोलेनाथ की, गुरु की कृपा से हम जल्दी ही कर्ज से मुक्त हो सकते हैं। इस दैवी सहायता के साथ थोड़ा स्वयं भी पुरुषार्थ करें। पूजा करते समय यह मंत्र बोलें -

       मृत्युंजयमहादेव त्राहिमां शरणागतम्
       जन्ममृत्युजराव्याधिपीड़ितः कर्मबन्धनः।

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