Prarabdh Dharm-Aadhyatm : आज का पंचांग एवं व्रत-त्योहार (12 जून, 2021)

0
दिनांक : 12 जून 2021, दिन : शनिवार


विक्रम संवत : 2078 (गुजरात - 2077)


शक संवत : 1943


अयन : उत्तरायण


ऋतु : ग्रीष्म


मास : ज्येष्ठ 


पक्ष - शुक्ल


तिथि - द्वितीया रात्रि 08:17 तक तत्पश्चात तृतीया


नक्षत्र - आर्द्रा शाम 04:58 तक तत्पश्चात पुनर्वसु


योग - गण्ड सुबह 09:14 तक तत्पश्चात वृद्धि


राहुकाल - सुबह 09:18 से सुबह 10:58 तक


दिशाशूल - पूर्व दिशा में


सूर्योदय : प्रातः 05:57 बजे


सूर्यास्त : संध्या 19:19 बजे


व्रत पर्व विवरण - 

 विशेष -

 द्वितीया को बृहती (छोटा बैंगन या कटेहरी) खाना निषिद्ध है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)

पंचक


28 जून प्रात: 12.57 बजे से 3 जुलाई प्रात: 6.15 बजे तक


व्रत-त्योहार


एकादशी


21 जून, सोमवार : निर्जला एकादशी


प्रदोष


22 जून, मंगलवार : भौम प्रदोष


संम्पति और सौभाग्य की बढ़ोतरी के लिए

भविष्य पुराण के अनुसार ज्येष्ठ मास शुक्ल पक्ष के तृतीया के दिन रम्भा व्रत आता है... (13 जून 2021 रविवार) इस दिन व्रत करने से और जप करने से संम्पति और सौभाग्य में बढ़ोतरी होती है | माँ पार्वती ने भी ये व्रत किया था | सुहागन देवी को खास करना चाहिए ...जिनके घर में शादी के बाद दिक्कतें आ रही हैं, उन बहनों को आप बता सकते हो | इस दिन तीन मंत्र बोल कर माँ पार्वती को प्रणाम करना चाहिए -

                 ॐ महाकाल्‍यै नमः
                 ॐ महालक्ष्म्यै नमः
                 ॐ महासरस्वत्यै नमः

              

ससुराल मे कोई तकलीफ-

किसी सुहागन बहन को ससुराल में  कोई तकलीफ हो तो शुक्ल पक्ष की तृतीया को उपवास रखें। उपवास माने एक बार बिना नमक का भोजन कर के उपवास रखें।भोजन में दाल चावल सब्जी रोटी नहीं खाए, दूध रोटी खा लें।शुक्ल पक्ष की तृतीया को अमावस्या से पूनम तक की शुक्ल पक्ष में  जो तृतीया आती है उसको ऐसा उपवास रखें।नमक बिना का भोजन(दूध रोटी) , एक बार खाए बस ।

              
 कैसे बदले दुर्भाग्य को सौभाग्य में-

13 जून 2021 रविवार को (रात्रि 07:01 से 14 जून सूर्योदय तक) रविपुष्यामृत योग है ।

बरगद के पत्ते पर गुरुपुष्य या रविपुष्य योग में हल्दी से स्वस्तिक बनाकर घर में रखें |

Post a Comment

0 Comments

if you have any doubt,pl let me know

Post a Comment (0)
To Top