इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उच्च न्यायालय (हाईकोर्ट) समेत प्रदेश की जिला अदालतों, परिवार न्यायालयों, श्रम अदालतों, औद्योगिक अधिकरणों, सभी न्यायिक और अर्द्धन्यायिक संस्थाओं के अंतरिम आदेश दो अगस्त तक के लिए बढ़ा दिया है। कोर्ट ने यह आदेश कोविड 19 संक्रमण के चलते सीमित क्षमता के साथ चल रही वर्चुअल कोर्ट की स्थिति में कोई बदलाव न दिखाई देने पर दिया है। इस आदेश से अग्रिम जमानत, जमानत आदेश जो 31मई को समाप्त हो रहे हैं वह भी दो अगस्त तक प्रभावी रहेंगे।
हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार, नगर निकाय, स्थानीय निकाय, सरकारी एजेंसी, विभाग द्वारा बेदखली, खाली कराने और ध्वस्तीकरण कार्रवाई पर भी दो अगस्त तक रोक जारी रखी है। इसी अवधि तक सभी बैंकों, वित्तीय संस्थाओं को संपत्ति या व्यक्ति के खिलाफ उत्पीड़नात्मक कार्रवाई करने से रोक दिया है।
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि यदि किसी को दिक्कत हो तो वह सक्षम अदालत, अधिकरण में अर्जी दे सकता है, जिसका निस्तारण किया जाएगा।यह सामान्य आदेश अर्जी निस्तारण में बाधक नहीं होगा।
यह सामान्य समादेश कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय यादव और न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया की खंडपीठ ने स्वतः कायम जनहित याचिका पर दिया है। कोर्ट ने पांच जनवरी 21 को निस्तारित हो चुकी जनहित याचिका को पुनर्स्थापित करते हुए 31 मई तक के लिए आदेश जारी किया था।
कोर्ट ने यह आदेश अनुच्छेद 226, अनुच्छेद 227 की धारा 482 दंड प्रक्रिया संहिता, धारा 151 सिविल संहिता के अंतर्गत प्राप्त अंतर्निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए जारी किया है। इस याचिका पर सुनवाई दो अगस्त को होगी।
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