Cyber Crime in Kanpur : वैक्सीनेशन स्लॉट बुक करते लैपटॉप हैक, बिटक्वाइन में मांगी रंगदारी

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  • कोविन वेबसाइट पर वैक्सीनेशन के लिए स्लॉट बुक कर रहे थे प्रोडक्शन हाउस संचालक
  • साइबर हैकरों ने इंस्टाग्राम, फेसबुक, ईमेल आइडी भी हैक की, पहले डॉलर में मांगी रकम



प्रारब्ध न्यूज ब्यूरो, कानपुर


केंद्र सरकार की कोविन डॉट जीओवी डॉट इन (cowin. gov. in)वेबसाइट पर वैक्सीनेशन के लिए स्लॉट बुक करते समय साइबर अपराधियों ने दो दोस्तों के लैपटॉप हैक कर लिए। दोनों से बिटक्वाइन में 980 डॉलर (करीब 72 हजार रुपये) की रंगदारी भी मांगी है। बिरहाना रोड पर प्रोडक्शन हाउस चलाने वाले एक दोस्त ने साइबर सेल और फीलखाना थाने में शिकायत करते हुए न्याय की गुहार लगाई है। पुलिस ने अभी तक मुकदमा दर्ज नहीं किया है।


पटकापुर निवासी अमन अग्रवाल ने बताया कि बीकॉम करने के बाद उन्होंने अहसास प्रोडक्शन हाउस नाम से फर्म बनाई थी। इसमें विभिन्न तरह की शॉर्ट फिल्म, गानों की रिकॉर्डिंग, वीडियो एलबम, मैरिज एलबम आदि बनाते हैं। 


मंगलवार रात वह वैक्सीनेशन कराने के लिए कोविन डॉट डीओवी डॉट इन वेबसाइट पर स्लॉट बुक कर रहे थे। इसी दौरान हैकरों ने एक रैनसम वायरस के जरिए लैपटॉप पर अटैक किया, उसके बाद लैपटॉप का पूरा 500 जीबी डाटा इनक्रिप्ट हो गया। उसके स्थान पर सी डॉट पास नाम से एक्सटेंशन प्रदर्शित होने लगा।


हैकर ने होस्ट बदल कर अपना आइपी एड्रेस डालकर सिस्टम को रिमोट करना शुरू कर दिया। कुछ देर बाद हैकर ने डाटा वापस देने के बदले 980 डॉलर मांगे। यही नहीं अहसास प्रोडक्शन आफिसियल नाम से बनी इंस्टाग्राम आइडी, ई-मेल आइडी और अमन एमी अग्रवाल नाम से बनी फेसबुक आइडी भी हैक कर ली। उसके स्थान पर बिटक्वाइन और क्रिप्टो करेंसी के प्रचार प्रसार से संबंधित पोस्ट अपलोड कर दी। ईमेल करके टेक्स्ट फाइल में अपनी मांगें भेजीं।


परेशान होकर अमन ने क्राइम ब्रांच की साइबर सेल और फीलखाना थाने में तहरीर दी है। अमन ने हैकर को जवाब भेजा तो उसने 980 डॉलर से बिटक्वाइन खरीदने और उससे रंगदारी देने की बात लिखी थी। किसी तरह अमन ने इंस्टाग्राम व फेसबुक आइडी का एक्सेस तो हासिल कर लिया, लेकिन अब तक लैपटॉप का डाटा नहीं हासिल कर सके हैं।



अमन ने बताया कि इंस्टाग्राम आइडी से पता लगा कि अपराधी ने मॉस्को और फेसबुक आइडी से पता लगा कि उसने लॉस एंजिल्स से लॉगिन किया था। लैपटॉप में अब तक किए गए उनके सारे कार्यों का डाटा है। कई कस्टमर के ऑर्डर वाले वीडियो और फोटोग्राफ हैं, जिन्हें कहीं और स्टोर भी नहीं किया था। अगर डाटा वापस नहीं मिला तो काफी नुकसान उठाना पड़ेगा।


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