- कोरोना की वैक्सीन लगवाने के लिए फोन और पते के प्रमाण की जरूरी नहीं
- सभी सरकारी वैक्सीनेशन सेंटर पर आन साइट पंजीकरण की उपलब्ध है सुविधा
कोरोना वायरस (Covid-19) से बचाव के लिए अधिक से अधिक व्यक्तियों के वैक्सीनेशन (टीकाकरण) की तैयारी केंद्र सरकार (Central Government) ने शुरू कर दी है। इसके तहत वैक्सीनेशन की गाइडलाइन में भी तमाम बदलाव किए हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (health ministry) के आदेश जारी कर स्पष्ट किया है कि कोरोना की वैक्सीन (टीका) लगवाने के लिए मोबाइल फोन का होना जरूरी नहीं है। इसके लिए पते का प्रमाण देना भी अनिवार्य नहीं है। वैक्सीन लगवाने के लिए कोविंन पोर्टल पर पहले से ऑनलाइन पंजीकरण भी अब जरूरी नहीं होगा।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को एक बयान जारी कर सोशल मीडिया (social media) पर वायरल हो रही उन सभी खबरों को खारिज कर दिया है जिनमें आरोप लगाया जा रहा था कि तकनीकी जरूरतों को पूरा नहीं कर पाने के कारण बेघर लोगों को कोरोना वैक्सीनेशन के लिए पंजीकरण से रोक दिया गया है।
यह भी कहा जा रहा था कि डिजिटल रूप से पंजीकरण कराने के लिए अंग्रेजी की जानकारी और इंटरनेट की सुविधा भी रोड़ा बन रही है। इसके अलावा ऐसे लोगों को वैक्सीनेशन से वंचित करने में स्मार्टफोन या कंप्यूटर तक पहुंच न होना भी एक बड़ी वजह उभर कर सामने आ रही है।
सोशल मीडिया पर वायरल होती इन तमाम खबरों को आधारहीन बताते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि जिन लोगों के पास इंटरनेट स्मार्टफोन या मोबाइल फोन नहीं है उनके लिए सभी सरकारी वैक्सीनेशन सेंटर पर मुफ्त ऑनसाइट पंजीकरण और वैक्सीनेशन की सुविधा उपलब्ध है। ऐसे व्यक्ति किसी सेंटर पर जाकर अपना वैक्सीनेशन आसानी से करा सकते हैं।
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