- कुर्सी रोड पर चलाते थे मेडिकल स्टोर, दवा बनाने वाली फैक्ट्री भी निशाने पर
- प्रयागराज में दो मेडिकल रिप्रजेंटेटिव की तलाश, फरार सरगना ने प्रदेश छोड़ा
उत्तर प्रदेश के कानपुर में पकड़ गए ब्लैक फंगस के नकली इम्फोटेरेसिन बी इंजेक्शन का कारोबार करने वाले गिरोह के तार राज्य की राजधानी लखनऊ से भी जुड़े हैं। नकली इंजेक्शन बेचने वाले दो मेडिकल स्टोर संचालक यहां भी पकड़े गए हैं। कमिश्नरेट पुलिस ने सोमवार दोपहर लखनऊ के कुर्सी रोड स्थित मेडिकल स्टोरों पर छापा मारकर दो मेडिकल स्टोर संचालकों को गिरफ्तार कर लिया। फिलहाल उन दोनों से पूछताछ चल रही है। राजधानी स्थित एक फार्मा फैक्ट्री पर भी संदेह के घेरे में है। पुख्ता सबूत न होने की वजह से पुलिस हाथ डालने से बच रही है।
कानपुर के ग्वालटोली में पुलिस ने इम्फोटेरेसिन बी के नकली इंजेक्शन 68 वॉयल के साथ ज्ञानेश शर्मा और प्रकाश मिश्रा को गिरफ्तार किया था। इस प्रकरण में पुलिस ने शनिवार को प्रयागराज के कालिंदीपुरम में मेडिकल स्टोर संचालक अग्रवाल मेडिकल स्टोर के मालिक पंकज अग्रवाल और मधुरम मेडिकल स्टोर के मालिक मधुरम बाजपेयी को गिरफ्तार किया है।
कानपुर कमिश्नरेट पुलिस एसीपी त्रिपुरारी पांडेय के नेतृत्व में सोमवार को लखनऊ पहुंची। एसीपी ने बताया कि चारों आरोपियों से पूछताछ, उनके पास से बरामद दस्तावेजों और माेबाइल फोन की वाइस रिकार्डिंग से अहम सबूत हाथ लगे हैं। इसके आधार पर पुलिस ने सोमवार को दोपहर बाद लखनऊ में कुर्सी रोड पर स्थित दो मेडिकल स्टोर संचालकों को हिरासत में लिया है। दोनों से पूछताछ की जा रही है।
सूत्रों के मुताबिक पुलिस को इन आरोपियों से पूछताछ के दौरान लखनऊ की एक दवा फैक्ट्री का नाम पता चला है। यह नकली इंजेक्शन वहां ही तैयार किए जाते थे। पुलिस फैक्ट्री मालिक के खिलाफ और पुख्ता सबूत एकत्र कर रही है। उसके बाद ही कानूनी रूप से उस पर शिकंजा कसेगी। इसलिए पुलिस किसी प्रकार की जल्दीबाजी नहीं कर रही है।
यूपी छोड़ भागा सरगना
नकली इंजेक्शन के मामले में पुलिस अब तक छह लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। मगर सरगना पुलिस की पकड़ से दूर है। पुलिस महकमे में चर्चा है कि मुख्य सरगना ने प्रदेश छोड़ दिया है। यहां से बाहर दूसरे राज्य में पनाह ले ली है। वहीं, पुलिस को प्रयागराज में दाे और मेडिकल रिप्रजेंटेटिव की तलाश है, जो इस कार्य में संलिप्त थे।
एमआर यूनियन ने पल्ला झाड़ा
नकली इंजेक्शन के साथ पकड़े गए ज्ञानेश शर्मा मेडिकल रिप्रजेंटेटिव नहीं था। यह दावा है उत्तर प्रदेश उत्तराखंड मेडिकल एंड सेल्स रिप्रेजेंटेटिव यूनियन के सचिव अरविंद तिवारी का। उनके मुताबिक ज्ञानेश शर्मा मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव या सीनियर मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव नहीं है, बल्कि वह कई दवा कंपनियों में विभिन्न मैनेजर के पद पर कार्यरत रहा है। वह प्रबंधन की श्रेणी में आता है। वह रैनबैक्सी, एबाॅट इंडिया लिमिटेड, एलम्बिक फार्मास्युटिकल कम्पनी में पूर्व में कार्यरत रहा है। उसका एमआर से कोई लेनादेना नहीं है।
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