प्रारब्ध न्यूज ब्यूरो, कानपुर
करोना वायरस महामारी, डेंगू, मलेरिया जैसी बीमारियां विषाणुओं एवं जीवाणुओं के उद्भव से ही होती हैं। ऐसे में वायुमंडल में जनित जीवाणुओं एवं विषाणुओं से जनमानस की रक्षा के लिए आर्य समाज की ओर से बुधवार को देहली सुजानपुर में महायज्ञ का आयोजन किया गया। कहा गया कि विषाणुओं से रक्षा के लिए हर जगह महायज्ञ का आयोजन किया जाना चाहिए।
आर्य समाज के महामंत्री प्रत्यूष द्विवेदी ने बताया यज्ञ सामग्री एवं घृत से ही महायज्ञ करना चाहिए। सामग्री में आम की संविधा, लोबान, जड़ी बूटियों आदि के साथ घृत का प्रयोग करते हुए यज्ञ करने से वायुमंडल में जीवाणुओं को नष्ट करने की शक्ति कई दिनों तक निहित रहती है। यह हमारी पुरातन संस्कृति से भी हमें जोड़े रखने में सहायक है।
प्राचीन काल में भी बड़े-बड़े ॠषि-मुनि के द्वारा भी महायज्ञ का आयोजन इसी आधार पर ही किया जाता था। जो वेदों में भी वर्णित है। ॠगवेद के मंत्रोच्चारण के साथ महायज्ञ किया गया। सन्ध्या कालीन मन्त्रों के साथ वातावरण आध्यात्मिक छटा में रुपान्तरित हो गया।
मेस्टन रोड आर्य समाज के प्रधान नागेन्द्र स्वरूप के लिए दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि अर्पित की गई। कार्यक्रम में मंत्री प्रत्यूष द्विवेदी, संरक्षक हर्ष सिंह चौहान, डा. शैलेन्द्र सिंह, सोमदत्त तिवारी, दिव्य, महेश चंद्र, रंजना, निशि, समृद्धि और रश्मि मिश्रा ने भी सहयोग प्रदान किया।
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