RESIDENT DOCTORS : जूनियर रेजीडेंट को बनाया जाए सीनियर रेजीडेंट, जेआर एसोसिएशन ने उठाई आवाज

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नीट पीजी स्थगित

  • रेजीडेंट डॉक्टर एसोसिएशन ट्रस्ट ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री एवं राज्य के चिकित्सा शिक्षा मंत्री को लिखा पत्र



प्रारब्ध न्यूज ब्यूरो, लखनऊ


वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के संक्रमण से निपटने के लिए मेडिकल कॉलेजों एवं अस्पतालों में कार्यरत जूनियर रेजीडेंट को चिकित्सकीय कार्य में लगाने का निर्णय केंद्र सरकार ने किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में नीट पीजी (Neet Pg)परीक्षा को चार माह के लिए स्थागित करने का फैसला किया है। इस फैसले के बाद रेजीडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ट्रस्ट ने जूनियर रेजीडेंट को सीनियर रेजीडेंट बनाने की आवाज पुरजोर ढंग से उठाई है। इसी तरह सुपर स्पेशियलिटी कोर्स करने वाले रेजीडेंट को भी प्रदोन्नत करने की बात भी रखी गई है। पत्र लिखकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री, चिकित्सा शिक्षा मंत्री एवं नेशनल मेडिकल कमीशन के जनरल सेक्रेटरी को अपनी बात उनके समक्ष रखी है।


एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. विनय कुमार

रेजीडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. विनय कुमार एवं उपाध्यक्ष डॉ. अमोद कुमार ने उत्तर प्रदेश के महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा (डीजीएमई) को लिखे पत्र में कहा है कि नीट पीजी को चार माह के लिए स्थगित कर दिया गया है। अगर एग्जाम होते तो थर्ड ईयर के जूनियर रेजीडेंट परीक्षा पास करके सीनियर रेजीडेंट बन जाते। कुछ सुपर स्पेशियलिटी कोर्स में दाखिला ले लेते, जिन डॉक्टरों का नीट क्वालीफाई नहीं करते तो उन्हें छह माह का समय दोबारा एग्जाम देने के लिए मिल जाता। इस बार चार माह के लिए नीट पीजी को स्थगित करने से थर्ड ईयर के जेआर को सर्वाधिक नुकसान हो रहा है।


महामारी ड्यूटी को अनुभव में किया जाए शामिल



रेजीडेंट डॉक्टर एसोसिएशन ट्रस्ट के अध्यक्ष डॉ. विनय कुमार ने डीजीएमई को पत्र लिखा है। उनसे मांग की है कि थर्ड ईयर के जूनियर रेजीडेंट (एमडी, एमएस, डीएनबी एवं डिप्लोमा) जिन्हें विश्वविद्यालय की परीक्षा देनी थी। परीक्षा न होने तक उन्हें सीनियर रेजीडेंट बना दिया जाए। कोरोना महामारी के इलाज के छह माह की ड्यूटी को उनके अनुभव में शामिल किया जाए। कोरोना महामारी का पूरा इलाज प्रबंधन जेआर ही संभाल रहे हैं।



यूपी में ड्यूटी बांड की अवधि भी घटाई जाए


रेजीडेंट डॉक्टर एसोसिएशन ट्रस्ट के अध्यक्ष डॉ. विनय कुमार का कहना है कि पीजी पास करने वाले डॉक्टरों को 2 साल के लिए ग्रामीण क्षेत्र में ड्यूटी करना अनिवार्य है। उसकेबाद ही उन्हें एमडी या एमएस की डिग्री प्रदान की जाती है। महामारी की वजह से बने हालात में कोविड हॉस्पिटल में ड्यूटी करनी पड़ रही है। इसलिए ड्यूटी बांड की अवधि दो साल से घटाकर 1.5 वर्ष किया जाए, क्योंकि सरकार ने ही एग्जाम स्थगित किए हैं। ताकि डॉक्टरों का छह माह का अतिरिक्त समय बर्बाद न होने पाए।


ट्विटर के जरिए शुरू की मुहिम


रेजीडेंट डॉक्टर एसोसिएशन ट्रस्ट ने देश भर के जूनियर रेजीडेंट को इस मुहिम में शामिल करने के लिए ट्विटर के जरिए अभियान शुरू किया है। डॉक्टरों का कहना है कि नीट पीजी एग्जाम कराना केंद्र सरकार का काम है। अगर किन्हीं कारणों से समय से एग्जाम नहीं लिए जा सके हैं तो इस अवधि में किए गए चिकित्सकीय कार्य का अनुभव प्रमाण पत्र दिया जाए। साथ ही पदोन्नति भी दी जाए।


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