दिनांक : 31 मई 2021, दिन : सोमवार
विक्रम संवत : 2078 (गुजरात - 2077)
शक संवत : 1943
अयन : उत्तरायण
ऋतु : ग्रीष्म
मास : ज्येष्ठ
पक्ष : कृष्ण
तिथि - षष्ठी 01 जून रात्रि 01:05 तक तत्पश्चात सप्तमी
नक्षत्र - श्रवण शाम 04:02 तत्पश्चात धनिष्ठा
योग - ब्रह्म सुबह 06:04 तक तत्पश्चात इन्द्र
राहुकाल - सुबह 07:37 से सुबह 09:17 तक
दिशाशूल - पूर्व दिशा में
सूर्योदय : प्रातः 05:57 बजे
सूर्यास्त : संध्या 19:14 बजे
व्रत पर्व विवरण -
विशेष - षष्ठी को नीम की पत्ती, फल या दातुन मुँह में डालने से नीच योनियों की प्राप्ति होती है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
पंचक
01 जून रात्रि 3.57 बजे से 05 जून रात्रि 11.27 बजे तक
28 जून प्रात: 12.57 बजे से 3 जुलाई प्रात: 6.15 बजे तक
व्रत-त्योहार
एकादशी
06 जून, रविवार : अपरा एकादशी
21 जून, सोमवार : निर्जला एकादशी
प्रदोष
07 जून, सोमवार : सोम प्रदोष व्रत
22 जून, मंगलवार : भौम प्रदोष
अमावस्या
10 जून, बृहस्पतिवार : ज्येष्ठ अमावस्या
घर में अशांति निवृति हेतु
जिनके घर में झगड़े बहुत होते हों और अशांति के कारण वातावरण बड़ा विचित्र रहता हो तो उनको चाहिए नीम के पत्ते घी में डुबाकर गायत्री मंत्र बोलते हुए आहुति डालें | पहले संकल्प कर दें श्वास रोक कर कि हमारे घर में शांति बढ़े ,क्लेश, झगड़े न हो |
ग्रहदोष व ग्रहबाधा निवारण हेतु
ग्रहदोष और ग्रहबाधा जिनको भी लगी हो, वे अपने घर में ९ अंगुल लम्बा कुम -कुम का स्वस्तिक बना दें तो ग्रहबाधा की जो भी समस्याएँ हैं, दूर हो जायेंगी |
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